PATNA : बिहार में बजट सत्र के दौरान सीएम नीतीश ने कहा था कि जितने भी विभाग राजद कोटे के पास था उसमें हेर -फेर हुआ है और मोटा माल कमाई की भी तैयारी थी। यही सब वजह था की हम उनसे अलग हो गए। लेकिन, सभी तरह के गड़बड़ का जांच करवाया जाएगा और अब यह देखने को भी मिल रहा है। राज्य के अंदर छुट्टी के दिन भी विभाग को खुलवाकर काम किया जा रहा है। सबसे बड़ी बात है कि खुद विभाग के अपर मुख्य सचिव मामले को देख रहे हैं और खुद से जांच भी कर रहे हैं।
दरअसल, ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि शिक्षा विभाग में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हो सकता है। इस विभाग के अंदर काम करने वाले कई ऐसे शिकायत सामने आए है कि, जिसे जानकर हर कोई दंग हो जाएगा। यहां एक सर्टिफिकेट पर दो से तीन के नौकरी करने की बातें निकल कर सामने आ रही है। ऐसे में अब खुद इस मामले की जांच शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक कर रहे हैं। लिहाजा, छुट्टी के दिन भी शिक्षा विभाग खुला रहा। यहां शुक्रवार को महाशिवरात्रि के मौके पर भी करीब 30 शिक्षकों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए शिक्षा विभाग बुलाया गया है। जहां अपर मुख्य सचिव केके पाठक खुद इनके डाक्यूमेंट्स की जांच कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बनाने के लिए आयोजित सक्षमता परीक्षा में 1 हजार 205 नियोजित शिक्षक ऐसे हैं, जो BTET, CTET और STET के रोल नंबर के हिसाब से डुप्लीकेट के रूप में चिह्नित किए गए हैं। ऐसे में इनलोगों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए शिक्षा विभाग बुलाया गया है। जबकि आज महाशिवरात्रि और वीमेंस डे भी है। ऐसे में आज सरकारी छुट्टी होती है, लेकिन इसके बावजूद भी शिक्षा विभाग खुला है। सूत्रों के मुताबिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक कार्यालय में मौजूद हैं वह खुद ही तमाम शिक्षक अभ्यर्थियों के डॉक्यूमेंट की जांच कर रहे हैं।
मालूम हो कि,राज्य के अंदर नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा हासिल करने के लिए आवेदन करते समय अपना STET, BTET, CTET का सर्टिफिकेट अपलोड करना अनिवार्य था। विभाग ने सर्टिफिकेट की जांच कराई। इसमें पता चला कि STET, BTET, CTET सर्टिफिकेट पर एक से अधिक शिक्षक कई सालों के कई स्कूल में कार्यरत हैं। डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया गोपनीय ढंग से की जा रही है। यह प्रक्रिया 7 मार्च से शुरू हो गई है जो 21 मार्च तक चलेगी।
उधर, विभाग के सूत्रों का अगर जांच के दौरान शिक्षकों का सर्टिफिकेट फर्जी पाया जाता है तो ऐसे में इनकी नौकरी पर खतरा मंडरा सकता है। नौकरी तो जाएगी ही इसके साथ इन पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। अभी सभी शिक्षक संदेह के दायरे में हैं, ऐसे में निजता के अधिकार का सम्मान करते हुए