CHAPRA: शिक्षक बहाली में बड़ा फर्जीवाड़ा छपरा में सामने आया है। जहां फर्जी टीईटी सर्टिफिकेट के साथ एक महिला काउंसलिंग के लिए पहुंची थी। छपरा नगर निगम क्षेत्र में छठे चरण के नियोजन में जिला नियोजन इकाई द्वारा शिक्षक बहाली के काउंसलिंग का काम किया जा रहा था। जब इस दौरान अंक पत्र और सर्टिफिकेट की जांच की गयी तब इसे फर्जी पाया गया। फिर क्या था जांच टीम ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया।
महिला ने पटना के एक साइबर कैफे से टीईटी का फर्जी सर्टिफिकेट बनाया था जिसके आधार पर वह शिक्षक बनने के लिए काउंसिलिंग में भी पहुंच गयी। लेकिन जैसे ही सर्टिफिकेट की जांच की गयी तो उसमें रोल नंबर और फोटो नहीं मिला। जिसके बाद इस बात का पता चला कि महिला द्वारा दिए गये अंक पत्र और सर्टिफिकेट फर्जी है। टीईटी के फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर काउंसलिंग में शामिल होने आई महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार महिला ने बताया कि वह संस्कृत विषय में फर्जी मार्कशीट और टीईटी सर्टिफिकेट लेकर बहाली के लिए छपरा आई थी। उसके भतीजे ने पटना के एक साइबर कैफे से इसे बनाया था।
इस संबंध में डीपीओ स्थापना के निशांत गुंजन ने बताया कि विभागीय सीडी से मिलान कराने पर नॉट फाउंड का मैसेज मिलने पर महिला अभ्यर्थी को रोक लिया गया। तुरंत इस बात की सूचना अधिकारियों को दी गई। पकड़ी गई महिला का नाम निधि कुमारी है। डीपीएम एमडीएम संजय कुमार ने बताया कि भगवान बाजार थाना को इसकी सूचना दे दी गई है। प्राथमिकी दर्ज कराने की प्रक्रिया जारी है। जिसके बाद पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया।
फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी दिलाने के धंधे में एक बड़े गिरोह का नाम सामने आया है। मामला उजागर होने के बाद इस रैकेट का तार पटना सहित राज्य के अन्य जिलों से जुड़ा दिख रहा है। गिरफ्तार महिला अभ्यर्थी ने बताया कि अरविंद नामक व्यक्ति द्वारा नियोजन इकाई में काम कर रहे मनीष के साथ सेटिंग हुई थी। महिला ने बताया कि पटना के एक साइबर कैफे से उसके भतीजे ने टीईटी का फर्जी सर्टिफिकेट बनाया था। जिसे लेकर वह कांउंसलिंग के लिए छपरा आई थी लेकिन सर्टिफिकेट की जांच के दौरान पाया गया कि यह फर्जी है जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।