PATNA : विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जेडीयू से पाला बदल कर आरजेडी में एंट्री मारने वाले श्याम रजक कहीं के नहीं रहे. आरजेडी ने उनका नोटिस भी लिये बगैर श्याम रजक की फुलवारीशरीफ सीट को माले के खाते में दे दिया. हालांकि लॉलीपॉप पकड़ाया जा रहा है. आरजेडी सत्ता में आयी तो उन्हें MLC बनाकर मंत्री पद दिया जायेगा. वैसे श्याम रजक ही नहीं आरजेडी ने अपने आधा दर्जन विधायकों को गठबंधन के लिए कुर्बान कर दिया है.
फुलवारीशरीफ से श्याम रजक का चैप्टर क्लोज
पिछले 25 सालों से फुलवारी शऱीफ विधानसभा सीट पर श्याम रजक विधायक बनते रहे हैं. पहले आरजेडी से और फिर बाद में जेडीयू से. इस दफे चुनाव से ठीक पहले जेडीयू की विधायिकी से इस्तीफा देकर आरजेडी में शामिल हो गये थे. उससे पहले नीतीश ने उन्हें मंत्रीपद से बर्खास्त कर दिया था. श्याम रजक बड़ी हसरतों के साथ आरजेडी में आये थे. लेकिन पार्टी ने उन्हें अपनी 25 सालों की सीटिंग सीट से बेदखल कर दिया.
दरअसल महागठबंधन के समझौते में फुलवारीशरीफ को भाकपा माले को दे दिया गया है. सूत्रों की मानें तो तेजस्वी यादव ने फुलवारीशरीफ से 25 सालों से विधायक श्याम रजक से एक बार बात तक नहीं की. उन्हें ये भी जानकारी देने की जरूरत नहीं समझी गयी कि उनकी सीट जा रही है.
हालांकि आरजेडी सूत्रों के हवाले से ये खबर फैलायी जा रही है कि अगर सरकार बनी तो श्याम रजक को विधान पार्षद बनाया जायेगा और उन्हें मंत्रीपद भी दिया जायेगा. लेकिन लालू यादव या तेजस्वी यादव ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है. ना ही श्याम रजक तक को ऐसी कोई जानकारी दी गयी है. श्याम रजक ने खुद कहा कि पार्टी ने उनसे कोई बात नहीं की है. लेकिन वे पार्टी में बने रहेंगे.
तेजस्वी ने आधा दर्जन विधायकों को कुर्बान किया
वाम दलों से समझौते के लिए तेजस्वी ने आधा दर्जन सीटिंग सीट कुर्बान कर दिया है. कांग्रेस के भी एक सीटिंग विधायक गठबंधन की भेंट चढ़ गये हैं. आरजेडी ने अपने कब्जे वाली आरा, काराकाट,अरवल और औराई सीट भाकपा माले को दे दिया है. लिहाजा आरा से विधायक मो. नवाज आलम, काराकाट के विधायक संजय कुमार सिंह, अरवल के विधायक रविंद्र सिंह और औराई के विधायक सुरेंद्र कुमार का पत्ता साफ हो गया है.
आरजेडी के कब्जे वाली दो और सीट झंझारपुर और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के खाते में चली गयी है. झंझारपुर से फिलहाल आरजेडी के गुलाब यादव विधायक हैं. वहीं, बखरी से उपेंद्र पासवान आरजेडी के विधायक हैं. दोनों विधायक गठबंधन के लिए कुर्बान कर दिये गये हैं.
वैसे तेजस्वी ने दो और ऐसी सीटें छोड़ी हैं जहां 2015 में आरजेडी के विधायक जीते थे लेकिन चुनाव से पहले वे जेडीयू में शामिल हो गये. पटना के पालीगंज से पिछली दफे आरजेडी के जयवर्धन यादव चुनाव जीते थे. पिछले महीने वे जेडीयू में शामिल हो गये थे. आरजेडी ने ये सीट भी माले को दी है. वहीं बेगूसराय के तेघड़ा से 2015 में आरजेडी के वीरेंद्र कुमार चुनाव जीते थे. वे भी पिछले महीने जेडीयू में शामिल हो गये. आरजेडी ने इस सीट को इस दफे भाकपा को दे दिया है.
कांग्रेस की भी एक विधायक गये
उधर गठबंधन के लिए कांग्रेस के भी एक विधायक को कुर्बान होना पड़ा है. कांग्रेस ने भोरे सीट से अपने विधायक अनिल कुमार को पैदल कर दिया है. भोरे सीट को भाकपा माले को दे दिया गया है.