ब्रेकिंग न्यूज़

शारदा सिन्हा को पद्म विभूषण, सुशील मोदी और पंकज उधास को पद्म भूषण अवार्ड, मरणोपरांत मिला सम्मान Sanjeev Mukhiya: EOU के सामने संजीव मुखिया कई राज उगले, कहा..पटना-रांची-दरभंगा-धनबाद के कई डॉक्टर सॉल्वर गैंग में थे शामिल बेटी की शादी से पहले होने वाले दामाद के साथ सास फरार, मोबाइल फोन बना इस अनोखे प्रेम कहानी का सूत्रधार Paresh Rawal: क्यों वीरू देवगन की सलाह पर 15 दिनों तक खुद का ही पेशाब पीते रहे परेश रावल, बाद में डॉक्टर्स भी रह गए थे हैरान पटना में बना अनोखा रिकॉर्ड, लॉ प्रेप ने रचा वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दरभंगा में साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश, टेलीग्राम के जरिए 2.61 लाख की ठगी, 65 हजार रुपये अकाउंट में कराया वापस Manoj Bajpayee: खुद को 'सस्ता मजदूर' क्यों मानते हैं मनोज बाजपेयी? कारण जान आप भी कहेंगे ‘ये तो सरासर नाइंसाफी है’ दरभंगा में साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश, टेलीग्राम के जरिए 2.61 लाख की ठगी, 65 हजार रुपये अकाउंट में कराया वापस Bihar Crime News: जमीनी विवाद को लेकर 2 पक्षों में खूनी संघर्ष, आधा दर्जन लोग घायल, गांव में दहशत का माहौल बिहार में बड़े पैमाने पर IAS अधिकारियों का तबादला, देखिए पूरी लिस्ट..

BIHAR NEWS : शराबबंदी कानून के तहत जब्त वाहनों को लेकर पटना HC सख्त, गृह विभाग को मिला 6 महीने का समय

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 17 Dec 2024 08:27:06 AM IST

BIHAR NEWS : शराबबंदी कानून के तहत जब्त वाहनों को लेकर पटना HC सख्त, गृह विभाग को मिला 6 महीने का समय

- फ़ोटो

PATNA : बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। राज्य के अंदर कहीं भी शराब पीना या इससे जुड़ा किसी भी तरह का कोई भी कारोबार करना गैरकानूनी माना गया है।  ऐसे में पटना हाई कोर्ट ने शराबबंदी कानूनों के तहत जब्त किए गए वाहनों के मामले में पुलिस को दिशा-निर्देश जारी करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पुलिस पर 50000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। 


दरअसल,कोर्ट का मानना था कि कई वाहन मालिक को शराबबंदी कानून के तहत अनावश्यक रूप से परेशान किया था। कोर्ट ने यह भी कहा है कि गृह विभाग को छह महीने के भीतर इस मुद्दे पर विचार-विमर्श कर उचित दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए। न्यायाधीश पीबी बजनथ्री एवं न्यायाधीश एसबीपी सिंह की खंडपीठ ने संतोष सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि गृह विभाग छह महीने के भीतर इस मुद्दे पर विचार-विमर्श कर उचित दिशा-निर्देश जारी करें। 


वहीं,याचिकाकर्ता ने अपनी बजाज प्लेटिना मोटरसाइकिल को मुक्त कराने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी कोर्ट ने पाया कि केस के जांच अधिकारी ने कानून की जानकारी के बिना गंभीर कदाचार किया है। वाहन को जब्त कर उसे एक वर्ष से अधिक समय तक पुलिस ने रखा। इसके अलावा संबंधित जिले के एसपी ने वाहन की जब्ती और विभागीय कार्यवाही की कोई समीक्षा नहीं की। इससे वाहन पुलिस थाने के परिसर में पड़ा रहा और उसका मूल्य कम हो गया।


कोर्ट ने गोपालगंज के एसपी को निर्देश दिया कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में यह जांच करें कि कितने जब्त वाहन थानों में पड़े हैं। इन वाहनों को उनके मालिक के पक्ष में निपटाया जाना चाहिए या फिर उन्हें नीलाम किया जाना चाहिए। यदि वाहन मालिक, आरोपी, बीमा कंपनी या अन्य पक्षकार वाहन पर दावा नहीं करता है, तो मजिस्ट्रेट इसे नीलाम करने का आदेश दे सकता है। इस मामले में, कोर्ट ने वाहन मालिक को अनावश्यक रूप से परेशान करने पर 25,000 रुपये की क्षतिपूर्ति और 25,000 रुपये जुर्माने के रूप में देने का आदेश दिया। कुल 50,000 रुपये छह सप्ताह के भीतर वाहन मालिक को देने का निर्देश दिया गया है।