PATNA : आरसीपी सिंह को जनता दल यूनाइटेड का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने बड़ा बयान दिया है. शिवानंद तिवारी ने कहा है कि नीतीश कुमार ने बीजेपी से रिश्ते ठीक रखने के लिए आरसीपी सिंह को अध्यक्ष बनवा दिया. आरसीपी सिंह बीजेपी को लेकर बेहद सॉफ्ट रहे हैं. सीएए, एनआरसी जैसे मुद्दे पर आरसीपी सिंह ने जिस तरह है पार्टी के अंदर जिस तरह से स्टैंड वह बताता है कि आरसीपी सिंह बीजेपी को लेकर कितने नरम है.
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बीजेपी के एजेंडे पर आरसीपी
शिवानंद तिवारी ने कहा है कि सीएए और एनआरसी का विरोध करने पर प्रशांत किशोर के खिलाफ आरसीपी सिंह ने पार्टी में माहौल बनाया और फिर पीके को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. गुलाम रसूल बलियावी जैसे जेडीयू के अल्पसंख्यक नेता को आरसीपी सिंह में खुलेआम फटकार लगाई. यह बताता है कि आरसीपी सिंह किस तरह बीजेपी के एजेंडे पर चलते हैं. शिवानंद तिवारी ने कहा है कि आरसीपी सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने से नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ ठीक होंगे.
नीतीश बेटे को नहीं लाना चाहते हैं राजनीति में
आरजेडी नेता ने फर्स्ट बिहार से खास बातचीत के दौरान यह कहा कि नीतीश कुमार के ऊपर परिवारवाद का आरोप नहीं लग सकता. नीतीश कुमार अपने बेटे निशांत को राजनीति में नहीं लाना चाहते. शिवानंद तिवारी ने कहा कि निशांत को लेकर उनकी भावनाएं जुड़ी हुई हैं, लेकिन वह बिना किसी लाग लपेट के यह कह सकते हैं कि नीतीश परिवारवाद के समर्थक पर नहीं हैं. आरसीपी सिंह को विरासत से सौंपे जाने को लेकर शिवानंद तिवारी ने कहा कि नीतीश भविष्य की राजनीति कर रहे हैं. तिवारी ने कहा कि अगर विलय की राह पर आगे बढ़ रहे हैं तो उपेंद्र कुशवाहा उनके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं. विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की भूमिका को लेकर सब ने चर्चा की, लेकिन कुशवाहा और उनके गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में कितना वोट काटा इसकी कोई चर्चा नहीं कर रहा. नीतीश कुमार की नजर इसी वोट पर है और इसीलिए वह उपेंद्र कुशवाहा के साथ विलय करना चाहते हैं. उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी विलय करती है तो इससे नीतीश कुमार का लव कुश जनाधार मजबूत होगा.
नीतीश की छवि को पहुंचा नुकसान
शिवानंद तिवारी ने कहा है कि बिहार में अगर कैबिनेट का विस्तार नहीं हो रहा और सरकार के कामकाज में नीतीश कुमार हद से ज्यादा सक्रियता दिखा रहे हैं तो इसका मतलब सीधा यही है कि एनडीए के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. शिवानंद ने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार ने बीजेपी और उसके सांप्रदायिक संगठनों को बिहार में मजबूत होने दिया. उनके सामने नीतीश हमेशा नतमस्तक रहे और इसी वजह से नीतीश की सेकुलर छवि को नुकसान भी पहुंचा.