PATNA : डबल इंजन वाली बिहार सरकार को केंद्र सरकार से पैसे नहीं मिल रहे हैं. केंद्र सरकार को बिहार में पढ़ा रहे माध्यमिक शिक्षकों के वेतन के लिए पैसे देने थे. लेकिन पैसे नहीं मिले. लिहाजा बिहार सरकार को अपने खजाने से माध्यमिक शिक्षकों के लिए वेतन जारी करना पड़ा है. शिक्षा विभाग की ओर से जारी नए आदेश के मुताबिक राज्य सरकार ने माध्यमिक शिक्षकों के लिए वेतन के लिए 1 अरब 20 करोड़ की राशि स्वीकृत की है.
नीतीश कुमार की कैबिनेट की बैठक में माध्यमिक शिक्षकों के वेतन के लिए 120 करोड़ रूपये देने का फैसला लिया गया था. इसमें से 40 करोड रूपये तत्काल जारी कर दिया गया था. अब सरकार ने कुल 1 अरब 20 करोड़ की राशि स्वीकृत की है. राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत नियोजित माध्यमिक शिक्षकों के वेतन भुगतान स्थापित प्रक्रिया के अनुसार किया जायेगा.
बिहार सरकार की ओर से कहा गया था कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान जो फिलहाल समग्र शिक्षा अभियान हो गया है, उसके तहत केंद्र सरकार ने पैसे नहीं दिये हैं. इससे शिक्षकों के वेतन भुगतान पर संकट हो गया है. लिहाजा माध्यमिक शिक्षकों के वेतन के लिए बिहार सरकार अपने खजाने से 120 करोड़ रूपये खर्च करने जा रही है.
दरअसल समग्र शिक्षा अभियान केंद्र प्रायोजित योजना है. पहले से चल रही सर्व शिक्षा अभियान से लेकर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को एक कर समग्र शिक्षा अभियान को शुरू किया गया. इसके तहत सरकारी स्कूलों के खर्च का 60 फीसदी पैसा केंद्र सरकार देती है. वहीं राज्य सरकार को 40 फीसदी राशि देनी होती है. बिहार में माध्यमिक शिक्षकों के वेतन के लिए केंद्र सरकार से 120 करोड़ रूपये मिलने थे जो अब तक नहीं मिले. केंद्र सरकार से पैसा नहीं आने के कारण बिहार के माध्यमिक शिक्षकों का वेतन अटक गया था. बिहार सरकार के फैसले के बाद बिहार के लाखों माध्यमिक शिक्षकों के वेतन का भुगतान हो पायेगा.