1st Bihar Published by: Updated Sun, 17 Nov 2019 03:54:38 PM IST
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LUCKNOW: " मुस्लिम शरियत में ये कहा गया है कि जिस जगह पर एक बार मस्जिद बन गयी वो जगह हमेशा मस्जिद ही रहेगी. शरियत में ये कबूल नहीं किया गया है मस्जिद की जगह दूसरी जगह पर कोई जमीन ली जाये. हम शरियत को मानते हुए अयोध्या में कोई दूसरी जमीन नहीं लेंगे."
लखनऊ में आज ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक हुई और उसके बाद यही एलान कर दिया गया. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में असदुद्दीन ओवैसी समेत देश भर के मुसलमानों के नुमाइंदे बैठे थे. ये वही मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड है जो अयोध्या पर फैसले से पहले बार-बार ये कह रहा था कि उसे कोर्ट का फैसला मंजूर होगा. लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद शरियत का जिक्र आ गया.
सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दायर करेगा
लखनऊ के लखनऊ के मुमताज डिग्री कॉलेज में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक तीन घंटे तक चली. बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दी जाएगी और उन्हें किसी और जगह मस्जिद मंजूर नहीं है. बोर्ड की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में माना कि विवादित भूमि पर नमाज पढ़ी जाती थी और गुंबद के नीचे जन्मस्थान होने के कोई प्रमाण नहीं है. बोर्ड ने कहा कि हमने विवादित भूमि के लिए लड़ाई लड़ी थी, वही जमीन चाहिए.
100 परसेंट खारिज होगी याचिका
इससे पहले बैठक में मौजूद जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि हम जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर हमारी पिटीशन 100 प्रतिशत खारिज हो जाएगी. लेकिन फिर भी हम रिव्यू पिटीशन डालेंगे. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड खामोश नहीं बैठ सकता है.