DESK : चुनाव आयोग (ईसी) ने मंगलवार को घोषणा करते हुए कहा कि अजित पवार गुट ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) है। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ईसी का यह फैसला पार्टी संस्थापक शरद पवार के लिए एक बड़ा झटका है। आयोग ने अपने आदेश में अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को राकांपा का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ भी आवंटित कर दिया।
अब जब शरद पवार खेमा एक पार्टी नहीं रहा है, तो ऐसे में उन्हें नई पार्टी के गठन के लिए चुनाव आयोग को आज तीन नाम देने होंगे। ईसी ने शरद पवार से कहा है कि वह अपनी नई पार्टी का गठन करने के लिए कोई भी तीन नाम आयोग को दे सकते हैं। इसके लिए आयोग ने शरद पवार गुट को बुधवार शाम 4 बजे तक का समय दिया है।
दरअसल, आयोग ने आगामी राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर विशेष छूट देते हुए शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को अपने राजनीतिक दल के लिए एक नाम का दावा करने और तीन प्राथमिकताएं प्रदान करने के लिए बुधवार शाम 4 बजे तक का समय दिया है। महाराष्ट्र की छह राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होना है। राज्यसभा चुनाव के लिए अधिसूचना गुरुवार को जारी की जाएगी।
चुनाव आयोग ने एक नाम अभी इसलिए मांगा है ताकि राज्यसभा चुनाव के दौरान 'चुनाव आचरण नियम, 1961' के नियम 39एए का पालन किया जा सके। नियम 33ए के अनुसार, राज्यसभा चुनाव में, एक मतदाता, जो एक राजनीतिक दल का सदस्य है, उसको राजनीतिक दल के अधिकृत एजेंट को यह वेरीफाई कराना होता है कि मतपत्र के अंदर मत डाले जाने से पहले किसे वोट दिया गया है। अगर मतदाता प्राधिकृत एजेंट को मतपत्र दिखाने से मना कर देता है, तो उसका वोट रद्द हो जाएगा।
आपको बताते चलें कि, इससे पहले चुनाव आयोग ने 140 पेज के आदेश में कहा कि इस आयोग का मानना है कि अजित पवार के नेतृत्व वाला गुट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) है और वह इसका नाम तथा चुनाव चिह्न "घड़ी" का इस्तेमाल करने का हकदार है। इसने कहा कि कुल 81 सांसदों, विधायकों और एमएलसी में से 57 ने अजित पवार और 24 ने शरद पवार को समर्थन देने की घोषणा करते हुए हलफनामा दायर किया। छह ने दोनों गुटों के समर्थन में शपथ पत्र दाखिल किया। चुनाव आयोग ने कहा कि अगर इन 6 को शरद पवार के पक्ष में भी गिना जाए, तो भी अजित गुट के पास 81 एनसीपी विधायकों में से 51 का बहुमत प्राप्त है।