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1st Bihar Published by: Updated Fri, 22 Nov 2019 08:02:39 AM IST
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PATNA : नीतीश सरकार की तरफ से साल 2016 में लागू किए गए शराबबंदी कानून के बाद से न्यायपालिका पर काम का बोझ बढ़ा है। पटना हाईकोर्ट शराबबंदी कानून के बाद न्यायपालिका पर बढ़े काम के दबाव को लेकर सुनवाई कर रहा है। पटना हाईकोर्ट ने अब इस मामले में राज्य सरकार से कई बिंदुओं पर सवाल किया है।
पटना हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि शराबबंदी से जुड़े कितने मामलों में अब तक उसने सुप्रीम कोर्ट मैं चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि शराबबंदी कानून के तहत जिन लोगों पर कार्रवाई की गई उनमें से लाखों लोगों को जमानत मिल चुकी है लेकिन सरकार को यह बताना चाहिए कि कितने मामलों में सुप्रीम कोर्ट में उसकी तरफ से चुनौती दी गई।
राज्य की अदालतों में शराबबंदी से जुड़े केस के बढ़ते बोझ पर चिंता जताते हुए पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि वह इन मुकदमों की बढ़ती संख्या को कम करने के लिए कौन सा उपाय कर रही है। कोर्ट ने कहा कि चीफ सेक्रेटी 24 घंटे में बताएं कि मुकदमों के इस बोझ को कम करने के लिए सरकार क्या कर रही है, और कौन सी प्रणाली अपनाई गई है। कोर्ट ने कहा कि बड़ी तादाद में जमानत याचिका दायर है, 90 फीसदी याचिकाकर्ताओं को बेल मिल चुकी है, जो ये दर्शाता है कि इस कानून के तहत बड़ी तादाद में निर्दोष लोगों को फंसाया जाता है। हाईकोर्ट इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।