PATNA: गलवान घाटी में चीनी जवानों के साथ झड़प में शहीद हवलदार सुनील कुमार का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा. जैसे ही गांव में पार्थिव शरीर पहुंचा तो हाथ में झंडा लिए सैकड़ों युवक नारा लगाने लगे. युवा नारा लगाते रहे जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक सुनील कुमार का नाम रहेगा. सुनील जिंदाबाद और चीन मुर्दाबाद के खूब नारा लगे.
अंतिम यात्रा में शामिल हुए सैकड़ों लोग
शहीद सुनील की अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए. सबकी आंखे नम थी. आसपास के गांव के लोग भी अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे हुए थे. सुनील के पार्थिव शरीर को देख पत्नी, मां और परिवार के लोगों के आंसू रूक नहीं रहे थे. उनके पैतृक गांव में कई पार्टी के नेता भी पहुंचे हुए हैं.
सुनील कुमार बिहटा के तारानगर के सिकरिया के रहने वाले थे. वर्तमान में उनका परिवार दानापुर में रह रहा है. बड़े भाई अनिल कुमार जो की खुद एक आर्मी जवान हैं उन्होंने बताया की देश के लिए मेरा भाई शहीद हुआ है. इस बात का हमें गर्व है कहते ही वे रो पड़ते हैं कहते हैं कि मैनें उसे अपने बेटे की तरह पाला-पोसा बड़ा किया था. मेरे आंखों के सामने वे हमें छोड़ कर चला गया. उन्होनें बताया कि मैनें खुद भाई को पढ़ाया-लिखाया। वह 2002 में इंडियन आर्मी का हिस्सा बनें. सुनील कुमार अपने पीछे दो बेटा और एक बेटी को छोड़ गये हैं.