PATNA: अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दलितों के बीच ही विवाद बढ़ता जा रहा है. दलित संगठनों के एक समूह ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान किया है. लेकिन दलितों जातियों के दूसरे वर्ग ने भारत बंद का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को तत्काल लागू करने की मांग की है.
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने दलितों के आरक्षण में क्रीमी लेयर की मांग का समर्थन करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला तत्काल लागू किया जाना चाहिये. मांझी ने आज पटना में दलित वर्ग में शामिल 18 जातियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद 21 अगस्त के भारत बंद के विरोध का एलान किया गया. जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार से मांग की है कि बिहार सरकार तत्काल दलितों में शामिल बेहद कमजोर जातियों के अलग से आरक्षण की प्रावधान करे, वर्ना वे सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे.
एनडीए में टकराव
जीतन राम मांझी के एलान से एनडीए के भीतर ही टकराव बढ गया है. एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री औऱ एलजेपी(आर) के प्रमुख चिराग पासवान ने कहा था कि वे दलितों के आऱक्षण के भीतर कोटे का विरोध करते हैं और केंद्र सरकार से अपनी बात कहेंगे. वहीं, केंद्र सरकार में ही मंत्री जीतन राम मांझी ने आज दलितों के आरक्षण के भीतर कोटे की मांग के समर्थन में 18 जातियों की बैठक की और सड़क पर उतरने की चेतावनी दे दी.
केंद्रीय एमएसएमई मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर के आधार पर उपवर्गीकरण लागू करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को यदि बिहार सरकार लागू नहीं करती है तो 18 दलित जातियों के लोग सड़क पर उतरेंगे. दलित वर्ग में शामिल 18 जातियों के लोग पटना में रैली करेंगे. मांझी ने कहा कि एससी एसटी आरक्षण में जो जातियां आरक्षण के लाभ से वंचित हैं, उन्हें आरक्षण में उपवर्गीकरण ( कोटा में कोटा) कर लाभ दिया जाना चाहिए.
जीतन राम मांझी ने वंचित अनुसूचित जाति-जनजाति मोर्चा , बिहार के बैनर तले मंगलवार को रविंद्र भवन (पटना ) में 18 जातियों का सम्मेलन बुलाया. उन्होंने कहा कि आरक्षण में जातियों के उपवर्गीकरण को यथाशीघ्र लागू कर सुप्रीम कोर्ट की भावना का सम्मान किया जाना चाहिए. इस सम्मेलन में आरक्षण से वंचित मुसहर-भुईयां, डोम, मेहतर तूरी, रजवार, भोक्ता, घुमंतू आदि जातियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
जीतन राम मांझी के सम्मेलन में प्रस्ताव पारित कर कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी आरक्षण में उपवर्गीकरण का फैसला देकर आरक्षण के भागीदारी से पीछे छूट गए समुदायों के लिए सही फैसला लिया है. एससी एसटी आरक्षण में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में बिहार सरकार तत्काल कदम उठाये और एससी-एसटी में उपवर्गीकरण यथाशीघ्र लागू करे. इस सम्मेलन में कहा गया कि एससी एसटी वर्ग में आरक्षण से पीछे छूटे हुए वर्ग को राज्य सरकार तत्काल शिक्षा, नौकरी और योजनाओं के लाभ में प्राथमिकता दे.
भारत बंद का विरोध
दलितों की 18 जातियों के संघ ने कहा है कि वे इस मुद्दे पर 21 अगस्त 2024 को आहूत "भारत बंद" को नेतृत्व विहीन और अनुचित मानते हैं. ऐसे में सभी 18 जाति के लोग इस भारत बंद में शामिल नहीं होने का संकल्प ले रहे हैं.
मोर्चा की मांगों के समर्थन करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि आज तक आरक्षण की समीक्षा नहीं हुई , जो अविलंब होनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि उपवर्गीकरण की बात तो निश्चित करेंगे ताकि 78 साल बाद जिस वर्ग तक सुविधा नहीं पहुँची, उसको भी मौका मिले. मांझी ने कहा कि संपन्न दलित यह झूठ फैला रहे हैं कि आरक्षण खत्म करने की साजिश हो रही है. ऐसा भ्रम फैलाने का हम विरोध करते हैं. आज आजादी के 78 साल बाद जो संपन्न दलित हैं , वे ही आरक्षण के बल पर 95% नौकरी और तमाम सुविधाओं का लाभ लेते रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बिहार में हम 18 जाति के लोगों को आरक्षण का आज तक कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है , इसलिए हम मांग करते हैं बिहार सरकार और केंद्र सरकार से कि आरक्षण में उपवर्गीकरण होना चाहिए. बिहार में ऐसी 18 जातियां हैं जिनकी आबादी 10% है उन्हें कम से कम 10% आरक्षण मिलना चाहिए और कुछ संपन्न दलितों के द्वारा आरक्षित खत्म करने की बात कर रहे हैं वह गलत कर रहे हैं. वे वही लोग हैं जो वंचित दलितों के विकास के रास्ते को रोकना चाहते हैं. मांझी ने कहा कि वे चाहते हैं कि राज्य सरकार बिहार में भी हरियाणा के तरह आरक्षण में भी वर्गीकरण कर वंचित दलित को मुख्य धारा में लाने का प्रयास करे.
कार्यक्रम में बिहार मंत्री डॉ संतोष कुमार सुमन ने कहा कि दलितों की 18 जाति के लोगों को एकजुट हो जाना चाहिए और एकजुटता दिखा करके अपनी ताकत का एहसास करानी चाहिए. हम किसी का विरोध नहीं करते, लेकिन जो वंचित रह गया है जिसको आज तक आरक्षण का कोई सुविधा नहीं मिली उसकी हम वकालत करते हैं. उनको मौका मिलना चाहिए.