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100वीं जयंती पर शिद्दत के साथ याद किए गए श्रीनिवास, हृदय रोगियों के लिए भगवान थे डॉक्टर साहब

1st Bihar Published by: Updated Sun, 29 Dec 2019 07:59:27 PM IST

100वीं जयंती पर शिद्दत के साथ याद किए गए श्रीनिवास, हृदय रोगियों के लिए भगवान थे डॉक्टर साहब

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PATNA : राजधानी पटना में सुप्रसिद्ध चिकित्सक और भारत के पहले हृदय रोग विशेषज्ञों में से एक डॉ (प्रो) श्रीनिवास की सौवीं जयंती पर उन्हें शिद्दत के साथ याद किया गया।केन्द्रीय मंत्री रंविशंकर प्रसाद और पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार और आचार्य किशोर कुणाल ने आयोजित कार्यकम में शिरकत किया।  इस खास मौके पर डॉ श्रीनिवास के  परिवार वालों ने बिहार और झारखंड के कैंसर मरीजों के लिए एक नई पहल की घोषणा की है।

डॉ श्रीनिवास ने भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद, जय प्रकाश नारायण, बिहार के कई मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों सहित कई गणमान्य व्यक्तियों के व्यक्तिगत चिकित्सक और हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में काम किया।डॉ श्रीनिवास समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय के गर्दशिशई  के एक बहुत ही मामूली परिवार से आये थे। समस्तीपुर से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने और पटना के साइंस कॉलेज से इंटरमीडिएट करने के बाद, उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल (अब पीएमसीएच) में प्रवेश लिया, जहां उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। वे अपने बैच के सबसे प्रतिभाशाली छात्र थे और सम्मान और स्वर्ण पदक के साथ एमबीबीएस पूरा किया।

डॉ श्रीनिवास ने चिकित्सा पद्धति में अपने सक्रिय दिनों के दौरान उन्होंने कई शोध प्रोजेक्ट का बीड़ा उठाया और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित किया। उनकी ईसीजी मेथड की विधि को एफबीआई द्वारा यूएसए और स्कॉटलैंड यार्ड (यूके) में अपनाया गया। उन्होंने योग और कई बीमारियों का इलाज करने की क्षमता पर विश्वास किया और इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी में कार्डिएक डिजिज के इलाज में इसे शामिल किया था। उन्होंने अपने हृदय रोगियों के लिए योग के लिए एक अलग इकाई भी बनाई थी। दिवंगत पीएम इंदिरा गांधी ने इस क्षेत्र में की गई सफलताओं का आंकलन करने के लिए योगीराज धीरेंद्र ब्रम्हचारी को भेजा था।