MADHEPURA: बिहार के मधेपुरा से शिक्षा को शर्मसार करने वाली तस्वीर आयी है. बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने लड़कियों के स्कूल में अपनी पार्टी का कार्यक्रम कराया. शिक्षा मंत्री स्कूल में अपनी पार्टी के कई नेताओं के साथ पहुंचे. स्कूल की लड़कियों को लाइन में खड़ा कर मंत्री चंद्रशेखर और राजद नेताओं के लिए तालियां बजवायी गयीं. इसके बाद केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के खिलाफ राजनीतिक कार्यक्रम हुआ जिसमें स्कूली छात्राओं को बिठा लिया गया.
ये उस बिहार में हो रहा है, जहां शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने और शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए हर रोज कार्रवाई कर रहे हैं. केके पाठक ने शिक्षकों को पढाने के अलावा किसी दूसरे काम में नहीं लगाने का फरमान जारी कर रखा है. लेकिन शिक्षा मंत्री सरकारी स्कूल में राजनीतिक कार्यक्रम कर रहे हैं.
मधेपुरा के स्कूल में सियासी खेल
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का वीडियो फर्स्ट बिहार के पास है. इसमें वे मधेपुरा के जीतापुर उच्च माध्यमिक विद्यालय में पहुंचे हैं. शिक्षा मंत्री ने इस स्कूल के परिसर में राजद की ओर से चलाया जा रहा कार्यक्रम अंबेडकर परिचर्चा कराया. सायरन वाली गाड़ी से शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर जीतापुर स्कूल परिसर में पहुंचते हैं. उनके वहां पहुंचते ही महागठबंधन, राजद औऱ चंद्रशेखर यादव जिंदाबाद के नारे लगते हैं.
राजद नेताओं के साथ छात्राओं के बीच पहुंचे मंत्री
इसके बाद का जो वीडियो है वो और हैरान कर देने वाला है. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर राजद के कई नेताओं के साथ स्कूल कैंपस में पहुंचते हैं. मंत्री के स्वागत के लिए वहां छात्राओं को लाइन में खड़ा कर रखा गया था. लाइन में खड़ी छात्रायें मंत्री के स्वागत में तालियां बजा रही हैं और मंत्री के साथ राजद के कई नेता उन छात्राओं के बीच से सीना ताने गुजर रहे हैं.
छात्राओं को बिठाकर सभा की
मंत्री ने उसके बाद छात्राओं को अपनी सभा में बिठा लिया. ये राजद का कार्यक्रम था. मंच पर लगे बैनर में लालू-तेजस्वी समेत दूसरे राजद नेताओं की तस्वीर लगी थी. छात्राओं को अपनी मीटिंग में बिठा कर मंत्री चंद्रशेखर ने भाषण दिया. उसमें केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री को जमकर कोसा गया. स्कूल परिसर और स्कूली छात्राओं को बिहार के शिक्षा मंत्री ने अपनी राजनीति का हथियार बना लिया.
शिक्षा मंत्री ने स्कूल में ही बैठकर प्रेस कांफ्रेंस भी की. वहां भी सिर्फ और सिर्फ सियासी बातें की. शिक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री से लेकर केंद्र सरकार को खरी खोटी सुनायी. साथ में राजद के नेता भी बैठे रहे. छात्राओं के सरकारी स्कूल को सियासत का अड्डा बनाने के बाद शिक्षा मंत्री वहां से निकल गये.
क्या मंत्री पर कार्रवाई होगी
न सिर्फ सरकार बल्कि हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कई दफे ये कह चुका है कि किसी स्कूल को राजनीति का केंद्र नहीं बनाया जा सकता. फिर बिहार के शिक्षा मंत्री ने कैसे लड़कियों के स्कूल को राजनीति का अड्डा बना लिया. स्कूल में राजनीतिक कार्यक्रम कैसे हुए. राजद नेताओं के लिए छात्राओं से तालियां क्यों बजवायी गयी. राजनीतिक मीटिंग में स्कूल की छात्राओं को कैसे बिठा लिया गया. बिहार सरकार के पास इसका जवाब नहीं होगा.
बता दें कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर तेजस्वी यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं. वे अपने बयानों और हरकतों से लगातार विवादों में रहे हैं. नीतीश कुमार ने उसे लाइन पर लाने के लिए ही शिक्षा विभाग में केके पाठक की तैनाती कर दी है. इसके बाद मंत्री की हेकड़ी निकल गयी. लेकिन अब वे सरकारी स्कूलों को राजनीति का अड्डा बना रहे हैं.