DESK : कोरोना से मची महामारी की सबसे दुर्भाग्यपूर्ण तस्वीर हम आपको दिखा रहे हैं. आपने अस्पतालों के बाहर दवा दुकानें देखी होंगी लेकिन किसी जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के सामने अंतिम संस्कार के सामान की दुकान खुल जाये तो इसे क्या कहियेगा. अस्पताल में आने वाले मरीज औऱ उनके परिजन इस बोर्ड को देखते हैं औऱ फिर उनकी क्या हालत होती है इसका अंदाजा खुद लगा लीजिये.
अर्थी से लेकर लकड़ी औऱ घी सब मौजूद
वैसे ये खबर दिल्ली की है. दिल्ली के रोहिणी के सेक्टर 6 में बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल है. ये उस जिले का सबसे बडा सरकारी अस्पताल है. दिल्ली में कोरोना के कहर की खबरें आप तक जरूर पहुंची होंगी. चूंकि अस्पताल सरकारी है लिहाजा गरीब मरीजों का यहां तांता लगा है औऱ उनकी मौत भी इसी गति से रही है. लिहाजा पिछले दो सप्ताह से अस्पताल गेट के ठीक बगल में अंतिम संस्कार की दुकान खुल गयी है.
24 घंटे अंतिम संस्कार का सामान उपलब्ध
सरकारी अस्पताल के बगल में अंतिम संस्कार की दुकान खोलने वाले ने बड़ा सा बोर्ड लगा रखा है. 24 घंटे अंतिम संस्कार का सामान उपलब्ध है. बोर्ड के नीचे कुछ अर्थियां बी रखी हुई हैं. जरा कल्पना करिये अस्पताल आने वाले मरीज या उनके परिजन जब ये बोर्ड देखते होंगे तो उन पर क्या बीतती होगी. इस अस्पताल के पास लगातार पुलिस की गाड़ी भी लगी होती है. लेकिन पुलिस को भी फिक्र नहीं हुई कि वह इस बोर्ड को हटवाये.
हम आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने अंबेडकर अस्पताल को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल घोषित किया हुआ है. यहां सिर्फ कोरोना से संक्रमित लोगों का इलाज होता है. अस्पताल में हर रोज दम तोडने वाले मरीजों का तांता लगा हुआ. इस अस्पताल के तकरीबन सवा सौ कर्मचारी भी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. दुकानदार ने सही जगह देख कर दुकान खोल ली है.
दुकानदार बोलो- लोगों की मदद कर रहे हैं
कोविड अस्पताल के सामने अंतिम संस्कार के सामानों की दुकान खोलने वाले दुकानदार का दावा है कि वह लोगों की मदद कर रहा है. दुकानदार विशाल गुप्ता ने बताया कि कोरोना से ताबडतोड़ मौत हो रही है. मरीज की मौत के बाद परिजनों को अंतिम संस्कार के सामान के लिए भटकना पड़ रहा है. उनसे मनमाना पैसा भी वसूला जा रहा है. ऐसे में वह अगर उचित मूल्य पर सामान बेच रहा है औऱ लोगों को भटकना भी नहीं पड़ रहा है तो ये मदद ही है.
दुकानदार विशाल गुप्ता ने बताया कि इस अस्पताल में बड़ी तादाद में वैसे लोग आते हैं जो दिल्ली में प्रवासी बनकर आये हुए हैं. यहां मूल रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश के रहने वाले मरीजों के आने की संख्या काफी ज्यादा है. ऐसे मरीज की मौत के बाद उनके परिजनों को अंतिम संस्कार का सामान ढ़ूढ़ने में काफी परेशानी होती है. ऐसे लोगों को वे 3 हजार से लेकर 3600 रूपये में अंतिम संस्कार का सारा सामान उपलब्ध करा देते हैं. दुकानदार ने कहा कि हर रोज उसके पास सामान खरीदने वाले लोग पहुंच रहे हैं.