PATNA : राज्य में कोरोना के मरीजों के लिए प्राइवेट अस्पतालों की फीस भले ही तय कर दी गई हो लेकिन निजी अस्पतालों की मनमानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। सरकार के फरमान के बावजूद निजी अस्पताल इलाज के नाम पर मनमानी कर रहे हैं और लाखों रुपए की फीस वसूल रहे हैं। हफ्ते भर पहले जिला प्रशासन ने पटना के एक ऐसे ही प्राइवेट अस्पताल को सील किया था और अब एक और निजी अस्पताल के मनमानी की खबर सामने आई है।
पटना के चित्रगुप्त नगर क्षेत्र मेडिसिटी अस्पताल के ऊपर कोरोना इलाज के लिए निर्धारित फीस से ज्यादा पैसे वसूलने का आरोप लगा है। सारण जिले के एक कोरोना मरीज के इलाज के लिए इस अस्पताल ने 7 लाख रुपये वसूले। इसका आरोप मरीज के परिजनों ने लगाया है। अस्पताल के प्रशासक और डॉक्टर समेत छह लोगों पर केस दर्ज किया गया है। हैरत की बात यह है कि कोरोना मरीज की इलाज के दौरान मौत के बावजूद अस्पताल में परिजनों से 4 लाख रुपये मांगे और नहीं देने पर परिवार वालों को मरीज का शव नहीं दिया।
सारण जिले के दिघवाड़ा थाना इलाके के बसंतपुर गांव के रहने वाले विप्लव भगत ने पत्रकार नगर थाने में मेडिसिटी अस्पताल के खिलाफ लिखित कंप्लेन दर्ज कराई है। मरीज के परिजनों का आरोप है कि फीस के नाम पर 4 लाख रुपये नहीं देने के बाद अस्पताल में डेड बॉडी नहीं दी और उनके साथ मारपीट की। इधर इस मामले में अस्पताल की तरफ से भी शिकायत दर्ज कराई गई है। अस्पताल में मरीज के परिजनों पर लूटपाट करने का मामला दर्ज कराया है। पत्रकार नगर थाना पुलिस ने कहा है कि मामले की छानबीन की जा रही है।