PATNA : नियोजित शिक्षकों के हड़ताल का मुद्दा आज विधान परिषद में गूंजा।बीजेपी एमएलसी डॉ नवल किशोर यादव ने विधान परिषद में नियोजित शिक्षकों का मामला उठाया।शिक्षा मंत्री डॉ कृष्ण नंदन वर्मा ने उनकी सवालों का जवाब दिया। नियोजित शिक्षकों के मामले में काफी देर तक वाद-विवाद चलता रहा । सरकार ने जहां नियोजित शिक्षकों के मामले में सेवाशर्त नियमावली जल्द तैयार कर लेने का भरोसा दिलाया है वहीं । माध्यिमक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लिए लेवल सात और आठ का वेतन जल्द देने का एलान किया है।
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शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने नियोजित शिक्षकों के मांग के सिलसिले में कहा कि सरकार उन्हें सम्मानजनक वेतन देना चाहती है। मुख्यमंत्री ने भी सदन में नियोजित शिक्षकों का वे पूरी तरह हित चाहते हैं।उनकी वेतन में सरकार पहले भी बढ़ोतरी करती रही है और आगे भी बढ़ाएगी। उन्होनें कहा कि मुख्यमंत्री की अपील के बाद स्थितियां बदली हैं। उन्होनें कहा कि शिक्षकों के वेतन में सातवें वेतन के आधार पर ही बढ़ोतरी की गयी है। सेवाशर्त की मांग भी सरकार मानने को तैयार है। शिक्षक समझदार हैं उन्हें सोचना चाहिए था कि अभी बच्चों को भविष्य का मामला है। परीक्षा का वक्त है, कॉपी जांचनी है, लेकिन वे हड़ताल पर चले गए। उन्होनें कहा कि मुख्यमंत्री जी बिना मांगे की शिक्षकों को सबकुछ देते रहे हैं।शिक्षा मंत्री ने शायराना अंदाज में कहा कि 'कुछ तो मजबूरियां रहीं होगी यूं कोई बेवफा नहीं होता' ।
इस बीच कई सदस्यों ने पूरक प्रश्नों में इस मुद्दे पर कई सवाल किए तो उन्होनें कहा कि वे मूल प्रश्नकर्ता डॉ नवल किशोर यादव के सवालों का जवाब तैयार करके आए हैं। तो इस पर आरजेडी नेता डॉ रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि आपको एंटीसिपेडेट सवालों की तैयारी भी कर के आनी चाहिए थी। मैं भी मंत्री रहा हूं। पूरक प्रश्नों में मूल प्रश्नों से जुड़े प्रश्न भी पूछे जाते हैं। इस पर सदन में ठहाके लगने लगे। उन्होनें कहा कि शिक्षक मेंटल काम करता है। शारीरिक और मानसिक कार्य करने में बहुत अंतर है। अगर शिक्षक को मानसिक शांति नहीं होगी तो वो बच्चों को भला क्या पढ़ा पाएगा। शिक्षकों को सम्मानजनक वेतन मिलना निहायत ही जरुरी है।
डॉ नवल किशोर यादव ने नियोजित शिक्षकों के मुद्दे पर कहा कि सरकार को सोचना चाहिए कि एक शिक्षक को स्कूल में पानी पिलाने वाले से भी कम वेतन शिक्षकों को मिल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने खुद भी कहा है कि शिक्षकों को चपरासी से भी कम वेतन मिलता है। उन्होनें कहा कि जब आप सातवां वेतन देने के लिए तैयार है तो फिर शिक्षकों से वार्ता में देर क्यों कर रहे हैं। उन्हें बुलाइए बात कीजिए। उनकी मांगों को पूरा कीजिए। इसमें देर क्यों कर रहे हैं।
इस बीच डॉ केदार पांडेय ने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों को वेतन का मामला उठाया वे भी हड़ताल पर जा चुके हैं। उन्होनें कहा कि प्राथमिक स्कूलों से भी कम वेतन माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों का है। सरकार उन्हें वेतनमान के लेवल सात और आठ का फायदा नहीं दे रही हैं जिसकी मांग वे वर्षों से उठाते रहे हैं। अगर सरकार इसे लागू कर दे तो इन शिक्षकों का वेतन ऐसे ही बढ़ जाएगा। इसमें सरकार को परेशानी भी नहीं होनी चाहिए। इस पर शिक्षा मंत्री डॉ कृष्णनंदन वर्मा ने कहा कि सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है इसे जल्द ही लागू किया जाएगा।