VAISHALI: बिहार में पिछले 6 साल से पूर्ण शराबबंदी है। इसे कड़ाई से लागू कराने की जिम्मेदारी पुलिस को दी गयी है लेकिन जिन कंधों पर यह जिम्मेदारी सौंपी गयी है वहीं इस कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं वैशाली के महुआ थाना पुलिस की जो मजदूरों को उनकी मजदूरी के एवज में पैसे की जगह शराब की बोतलें देने का काम किया।
शराब की बोतल छिपाकर ले जा रहे मजदूर ने भी यह साफ तौर पर कहा कि थाना परिसर में काम करने के बाद उन्हें शराब की बोतल मजदूरी के रुप में मिली है जिसे वे घर ले जा रहे है। शराब की बोतल ले जाते मजदूर का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
दरअसल कोर्ट के आदेश के बाद जब्त किये गये जहरीली शराब को महुआ थाना परिसर में विनिष्टिकरण का काम किया जा रहा था। शराब को नष्ट करने में मजदूरों को भी लगाया गया था। शराब नष्ट करने के कारण में लगे मजदूर ने जब अपना मेहनताना मांगा तो उसे पैसे नहीं दिया गया। उसे शराब की बोतल थमा दी गयी। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में मजदूर शराब की बोतल गमछा में छिपाकर ले जाते दिखा।
मजदूर से जब वीडियो बनाने वाले ने इस संबंध में पूछा तो उसका कहना था कि काम करने के बदले में उसे शराब की बोतल मिली है। जिसे गमछे में छिपाकर वह ले जा रहा है। वही थाने के ड्राइवर धीरेंद्र कुमार सिंह भी अपने कमरे में शराब की बोतल छिपाकर ले जाते देखे गये। वायरल इस वीडियो की पुष्टि फर्स्ट बिहार नहीं करता। इस वीडियो की सच्चाई क्या है यह तो पुलिसिया जांच का विषय है। लेकिन वायरल हो रहे इस वीडियो से महुआ थाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल जरूर उठ रहे हैं।