BHAGALPUR: एक दिवसीय दौरे पर बिहार के भागलपुर पहुंचे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने महर्षि मेंहीं आश्रम में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संत और संघ मिलकर देश का विकास करेंगे। उन्होंने कहा कि संघ सिर्फ मेहनत कर सकता है जबकि संत साधना करते हैं। साधना करने वाले ही मार्गदर्शन करते हैं। संतों के मार्गदर्शन में ही संघ श्रम करके देश का विकास कर रहे हैं।
मोहन भागवत ने कहा कि धर्म का तत्व गुप्त होता है। इसलिए सामान्य लोग श्रेष्ठ जन जैसा चलते हैं। श्रेष्ठ जन वही हैं जो धर्म के तत्व की नित्य अनुभूति करते हैं क्योंकि धर्म सत्य पर आधारित है। जो सत्य के निरंतर संपर्क में रहते हैं, वही संत हैं। इसलिए संत प्रमाण होते हैं कि जीवन कैसे जीना चाहिए? इस दौरान उन्होंने महर्षि मेंहीं के जीवन पर आधारित एक फिल्म का टीजर भी जारी किया।
उन्होंने कहा कि दुनिया को जीवन की शिक्षा देना सभी भारतवासियों का कर्त्तव्य है और यही अपना धर्म है। महर्षि ने जैसा जीवन जिया है, वह हम सभी के लिए अनुकरणीय है। महर्षि मेंहीं के जीवन का कुछेक अंश भी हम अपने जीवन में ग्रहण कर लें तो हमारा जीवन धन्य हो जायेगा। युवाओं को कुछ इस तरह की फिल्म ही देखनी चाहिए। वहीं सनातन धर्म पर भी उन्होंने कहा कि सनातन धर्म सभी धर्म में सर्वेपरि है।
बता दें कि एक साल के भीतर दूसरी बार मोहन भागवत महर्षि मेंहीं आश्रम पहुंचे थे। उनके आगमन पर कुप्पाघाट के महामंत्री और सभी साधु संतों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने कुप्पाघाट में महर्षि मेंहीं परमहंस महाराज के निवास स्थल का भ्रमण किया। यहां के वर्तमान आचार्य हरिनंदन बाबा के निवास स्थल भी पहुंचे, जहां उनका कुशलक्षेम जाना। इस दौरान उन्होंने महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के समाधि स्थल पहुंचकर पुष्पांजलि भी अर्पित की।