संघ ने बिहार में शाखा बढ़ाने का टारगेट फिक्स किया, मंदिर और श्मशान में किसी तरह के भेदभाव की मनाही

संघ ने बिहार में शाखा बढ़ाने का टारगेट फिक्स किया, मंदिर और श्मशान में किसी तरह के भेदभाव की मनाही

PATNA : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बिहार के लिए अपना नया मिशन तय कर लिया है। बिहार में संघ अपनी शाखाओं का विस्तार करेगा। उत्तर पूर्वी क्षेत्र की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की दो दिवसीय बैठक में यह फैसला लिया गया है। पटना में 5 और 6 दिसंबर को चली इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत अन्य बड़े संगठनकर्मी शामिल हुए थे और इसमें बिहार के अंदर शाखा की संख्या बढ़ाए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। 


बिहार के साथ साथ है झारखंड में अब तक 3000 से अधिक संघ की शाखाएं हैं। लेकिन अब आरएसएस इसका विस्तार चाहता है। संघ ने यह तय किया है कि कोरोना के बावजूद अब गाइडलाइन का पालन करते हुए संघ की शाखाएं नियमित रूप से लगेगी। संघ प्रमुख ने बिहार और झारखंड के अंदर संगठन विस्तार के लिए नए सिरे से लक्ष्य निर्धारित किया है। हर स्वयंसेवक सक्रियता के साथ अपने दायित्व का निर्वहन करें इसके लिए उन्हें आवश्यक सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। संघ ने बिहार के लिए आगामी कार्यक्रम भी तय किए हैं। 


इतना ही नहीं बिहार झारखंड की इस महत्वपूर्ण बैठक में एक प्रस्ताव भी पास किया गया है। मंदिर, जलस्रोत और श्मशान के लिए जारी इस प्रस्ताव में यह तय किया गया है कि इन सभी जगहों पर सबकी पहुंच हो। यहां कोई भेदभाव ना हो। संघ ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि हिंदू परिवार एक है और मंदिर हो या फिर श्मशान यहां कोई भेदभाव जाति के आधार पर नहीं होना चाहिए। इसके अलावा संघ ने पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए जल संरक्षण, जल प्रबंधन और वृक्षारोपण और प्लास्टिक के उपयोग पर पाबंदी जैसे जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता पर भी चर्चा की है। इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत के अलावे सर कार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले और सुरेश सोनी, अखिल भारतीय सह प्रचारक अरुण जैन और सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर भी मौजूद रहे।