संविदा कर्मियों को लेकर नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल कर्मचारी सरकारी सेवक नहीं.. नोटिस या मानदेय देकर सेवा खत्म कर पाएगी सरकार

संविदा कर्मियों को लेकर नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल कर्मचारी सरकारी सेवक नहीं.. नोटिस या मानदेय देकर सेवा खत्म कर पाएगी सरकार

PATNA : राज्य में संविदा पर काम कर रहे कर्मियों को लेकर नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला किया है। नीतीश सरकार ने तय किया है कि कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल कर्मचारी सरकारी सेवक नहीं माने जाएंगे। साथी साथ एक महीने की नोटिस या मानदेय देकर देकर सरकार उनकी सेवा कभी भी खत्म कर सकती है। राज्य सरकार ने कांटेक्ट के आधार पर बहाल करने के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है सरकार की तरफ से आगे कॉन्ट्रैक्ट पर बहाली केवल सरकार द्वारा स्वीकृत पदों पर ही की जाएगी।


नई गाइडलाइन के मुताबिक कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल व्यक्ति सरकारी सेवक नहीं माने जाएंगे। वह किसी भी सरकारी सेवक वाली सुविधा के हकदार नहीं होंगे। सरकारी सेवा में नियमित करने का कोई दावा कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल कर्मी नहीं कर पाएंगे। उनकी बहाली में नियमित नियुक्ति वाली अहर्ताऐं ही लागू होंगी। एक माह की पूर्व सूचना या फिर एकबमहीने का मानदेय देकर कॉन्ट्रैक्ट समाप्त किया जा सकेगा। स्थाई पदों पर बीपीएससी बिहार कर्मचारी चयन आयोग बिहार तकनीकी सेवा आयोग या राज्य सरकार द्वारा गठित किसी अन्य आयोग द्वारा नियमित नियुक्ति के विरुद्ध अनुशंसा उपलब्ध करने में लेट हो तो वैसी परिस्थिति में रिक्तियों पर कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही कॉन्ट्रैक्ट पर बहाली हो पाएगी। यह बहाली तब तक के लिए होगी जब तक रिक्तियों के विरुद्ध नियमित बहाली नहीं हो जाती। 


कॉन्ट्रैक्ट पर बहाली के लिए भी अब विज्ञापन की प्रक्रिया अपनानी होगी। नियुक्ति करने वाली एजेंसी और कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल व्यक्ति के बीच एग्रीमेंट होगा जिसमें सभी शर्तें लिखी रहेंगी। मानदेय समिति कांटेक्ट कर्मियों का वेतन तय करेगी। हर साल रिवीजन के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि मानदेय न्यूनतम मजदूरी से कम नहीं हो। नियमित नियुक्ति में कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों को वेटेज मिलेगा। कार्य अवधि के समान अवधि की छूट अधिकतम उम्र सीमा में दी जाएगी। साथ ही साथ अधिकतम 5 अंक प्रतिवर्ष की दर से अधिकतम 25 अंक का लाभ दिया जाएगा। कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों के लिए पांच कार्य दिवस वाले कार्यालयों में साल भर में 12 दिन और 6 का कार्यदिवस वाले कार्यालयों में 16 दिन का आकस्मिक अवकाश भी मिलेगा। कॉन्ट्रैक्ट के दूसरे वर्ष में उन्हें एक साल में 16 दिन का अर्जित अवकाश और मातृत्व पितृत्व अवकाश भी दिया जाएगा। कॉन्ट्रैक्ट कर्मी की मृत्यु होने पर निकटतम आश्रित को चार लाख का अनुदान भी सरकार देगी।