सम्राट अशोक को लेकर कुशवाहा की शौर्य यात्रा, BJP पर नरम पड़े तेवर

सम्राट अशोक को लेकर कुशवाहा की शौर्य यात्रा, BJP पर नरम पड़े तेवर

HAJIPUR : सम्राट अशोक के सम्मान को मुद्दा बनाकर भारतीय जनता पार्टी पर ताबड़तोड़ हमला बोलने वाले जनता दल यूनाइटेड और उसके नेताओं के तेवर अब धीरे-धीरे नरम पड़े हैं. पार्टी के संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा आज सम्राट अशोक शौर्य यात्रा पर निकले हैं. वैशाली से लेकर पटना के कुम्हरार तक की यात्रा में कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के लोग शामिल हुए. 


महात्मा फुले समता परिषद के बैनर तले कुशवाहा जिस यात्रा का नेतृत्व कर रहे थे उसका मतलब कहीं ना कहीं साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा की टिप्पणी पर विरोध जताना और साथ ही साथ उन्हें दिए गए सम्मान को वापस लेने के लिए था. 


उपेंद्र कुशवाहा ने इस यात्रा के दौरान सम्राट अशोक पर की गई टिप्पणी को लेकर सख्त एतराज जताया लेकिन बीजेपी के ऊपर उनके तेवर पहले से नर्म दिखाई दिए. कुशवाहा से जब बीजेपी के स्टैंड को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने केवल इतना कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता भी हमारे साथ इस मसले पर खड़े हैं. इससे पहले उपेन्द्र कुशवाहा इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर ही अधिक हमलावार दिखे थे.


इससे पहले वैशाली गढ़ से शौर्य यात्रा की शुरुआत से पूर्व उपेंद्र कुशवाहा ने सम्राट अशोक के फोटो पर फूल माला चढ़ाकर उन्हें याद किया और उनके जयकारे भी लगाए. इस अवसर पर उन्होंने वहां मौजूद महात्मा फुले समता परिषद समेत अन्य संस्थाओं सदस्यों और बुद्धिजीवियों से सम्राट अशोक के सम्मान की रक्षा करने के लिए सबको शपथ भी दिलाई. यहां कुशवाहा ने यह भी स्पष्ट किया कि यह यात्रा किसी पार्टी स्वर नहीं बल्कि सामाजिक संगठन द्वारा किया जा रहा है. अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है तो आगे भी ऐसे कार्यक्रम चलाएंगे.



उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि लेखक दया प्रकाश सिन्हा को दिए गए पद्मश्री समेत सरकार से मिले सभी अवार्ड को वापस ले लिया जाना चाहिए जो औरंगजेब की तुलना सम्राट अशोक से करते हैं. कुशवाहा ने आगे कहा कि मुझे तो लगता है कि यह सब साजिश के तहत किया गया है ताकि इस बयान के बाद लोगों का रिएक्शन समझा जा सके. कुशवाहा ने कहा कि हमारे सम्राट के बारे में कोई गलत कहेगा और हम चुप कैसे बैठ सकते हैं.