सदन में तेजस्वी की हुंकार, नीतीश सरकार पर चुन-चुनकर साधा निशाना

सदन में तेजस्वी की हुंकार, नीतीश सरकार पर चुन-चुनकर साधा निशाना


PATNA: बिहार विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हो रही है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सबसे पहले बिहार के क्राइम ग्राफ पर चर्चा की। सरकार पर हमला बोलते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि 1990 में क्राइम का जो आंकड़ा था वो 2000 में कम हुआ। 2000 में अपराध के मामले में बिहार 23वें स्थान पर था। 2005 में अपराध के मामले में 26वें स्थान पर बिहार की रैंकिग थी। 2010-15 में नीतीश सरकार जब सत्ता में आई तब क्राइम ग्राफ बढ़ गया। बिहार में 2018 तक क्राइम ग्राफ लगभग 2 लाख तक पहुंच गया। बिहार में 110 प्रतिशत क्राइम ग्राफ बढ़ा है। 


बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि जब हमारी सरकार थी उस वक्त झारखंड और बिहार एक साथ था। उस समय 54 जिले थे जबकि नीतीश जी के वक्त 38 जिले हो गए। तब भी हमलोगों ने क्राइम को कम करने का काम किया। जबकि नीतीश जी के राज में अपराध 101 प्रतिशत बढ़ गया। इसी बात से आकलन कर सकते है कि वास्तव में जंगल राज कौन था। जब जंगल राज था तो हमलोगों से समझौता ही क्यों किया गया? इसका जवाब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी दें।


तेजस्वी यादव ने सवाल किया कि जब हम अपराधियों को संरक्षण देते थे तब हमसे गठबंधन क्यों किया गया? नीतीश जी हमेशा जंगल राज की चर्चा करते हैं। जंगल राज की बात कह बिहार में अफवाह फैलायी जा रही है। तेजस्वी ने कहा कि रूपेश सिंह हत्याकांड मामले में पीड़ित पत्नी के साथ अन्याय हुआ है। वही गुप्ता ब्रडर की किडनैपिंग का अब तक पता नहीं चल पाया है। 


सरकार के द्वारा बीस लाख रोजगार मुहैया जाने की घोषणा की जाती है लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं दिख रहा है। वही तेजस्वी ने जातीय जनगणना की मांग करते हुए सत्ता में बैठे लोगों को सामने आने की बात कही। तेजस्वी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार से बिहार की जनता को कोई फायदा नहीं हुआ यहां तक की बिहार को विशेष राज्य का दर्जा भी नहीं मिला। 


बात यदि सात निश्चय की करें तो यह योजना भी भ्रष्ट्राचार की भेट चढ़ गयी है। पुरानी गलतियों को सुधारते हुए सरकार को विकास की बात करनी चाहिए। क्या हम ऐसा बिहार नहीं बनाना चाहते कि बिहार के बच्चे स्पोर्ट्स में जाए और अपना भविष्य बनाए। 15 साल से स्पोर्ट्स पर कोई काम नहीं हुआ। इस सवाल पर श्रेसी सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि पेश हुए बजट में राजगीर में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाए जाने का ऐलान किया गया है। स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के खूलने से बिहार के बच्चों को फायदा मिलेगा। तेजस्वी ने कहा कि शिक्षा मंत्री भी यह स्वीकार कर रहे हैं कि बिहार शिक्षा के मामले में काफी पीछे है। इसका जवाब देते हुए विजय चौधरी ने कहा कि एक रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने यह बातें कही थी।



एसईक्यूआई की रिपोर्ट पर कहा कि गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा में बिहार का स्थान 19वां है। देश में जितने विश्वविद्यालय है उसमें टॉप 100 में भी बिहार का कोई विश्वविद्यालय नहीं है। मैट्रिक परीक्षा के प्रश्नपत्र लिक मामले पर कहा कि केबल बिहार बोर्ड की परीक्षा में ही प्रश्न पत्र लिक क्यों होता है? इसके दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं होती? जब सरकार एक मैट्रिक की परीक्षा ढंग से नहीं करा सकती है तो बिहार कैसे चलाएंगी? वही नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार बिना प्रिसिंपल के 80 प्रतिशत स्कूल बिहार में चल रहे है। साढ़े 19 प्रतिशत विद्यालय में ही फिलहाल प्राचार्य पदस्थापित हैं। आरटीआई के आंकड़ों के अनुसार शिक्षा विभाग में अब भी ढाई लाख पद रिक्त है। तेजस्वी ने कहा कि जदयू मुक्त बिहार होगा तभी बिहार आत्मनिर्भर बनेगा। तेजस्वी ने कहा कि हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद नियुक्ति पत्र देने में विलंब क्यों हो रही है? 



चुनाव में दवाई, पढ़ाई, कमाई, सिंचाई और सुनवाई हमारा मुद्दा था जिस पर फिलहाल कोई काम नहीं हो पा रही है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में कोरोना के टीकाकरण में फर्जीवाड़ा हुआ और क्वारंटाइन सेंटर में भी ढाई करोड़ की गड़बड़ी हुई। नीति आयोग की रिपोर्ट केअनुसार स्वास्थ्य मानको में बिहार की हालत बेहद खराब है। बिहार में बेरोजगारी 46.6 प्रतिशत बढ़ी है। लोग दूसरे प्रदेशों में पलायन कर रहे हैं ऐसे में खाली पड़े रिक्त पदों को भरना चाहिए। सरकार को इन सभी बातों पर ध्यान देने की जरूरत है। सरकारी सेवकों के लिए बनाए गए नए कानून का जिक्र करते हुए तेजस्वी ने कहा कि कार्यक्षमता के आधार पर 50 साल से ज्यादा उम्र वालों को हटाया जा रहा है जो बिलकुल सही नहीं है। जब सरकारी कर्मचारियों पर यह कानून लागू हो रहा है तो सीएम, डिप्टी सीएम, मंत्री, विधायक और नेता पर यह क्यों नहीं लागू होता?