PATNA : शिक्षा विभाग में अधिकारियों की मनमानी से हर कोई परेशान है. सरकार ने बिहार विधान परिषद में खुद कबूल किया है कि शिक्षा विभाग के अंदर बड़ी गड़बड़ियां है. सदन में आज स्कूलों के अंदर लैब के सामान की खरीद के मामले में गड़बड़ी और उसके यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट का मामला उठा तो सरकार के ऊपर गंभीर आरोप लगे. दरअसल लाइफ प्रोडक्ट की खरीद के मामले में यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट दिए जाने के बावजूद स्कूलों प्राचार्य का वेतन रोके जाने का मामला आज विधान परिषद में उठा.
सिवान और छपरा के साथ-साथ बक्सर जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी की मनमानी का मुद्दा उठा. विधान पार्षद संजीव सिंह, केदारनाथ पांडे, नवल किशोर यादव, सुबोध राय ने एक सुर में आरोप लगाया कि स्कूलों के अंदर सामान की खरीद को लेकर शिक्षा विभाग में बड़ा खेल चल रहा है. केदारनाथ पांडे ने कहा कि स्कूलों की सामान खरीद को लेकर शिक्षा विभाग ने कोई स्पेसिफिक गाइडलाइन नहीं बनाई है, जिसके कारण मनमानी हो रही है. शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर स्कूलों के प्राचार्य से मन मुताबिक खरीद कर आते हैं और जब उस अधिकारी का तबादला हो जाता है तो नए अधिकारी वसूली के खेल में लग जाते हैं.
सदन में सदस्यों के आरोपों से घिरे शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने कहा कि अगर ऐसा है तो वह जल्द ही भीतरिया बात पता करेंगे. शिक्षा मंत्री ने कहा कि भीतरिया बात को लेकर सरकार ने अब ऐसे अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने लेने का फैसला किया है जो भीतरिया खेल कर रहे हैं.