BANKA: शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक बिहार के सरकारी स्कूलों की बदहाली दूर करने के लिए एक के बाद एक फैसले ले रहे हैं। राज्य के जिलों में घूम घूमकर केके पाठक स्कूलों का धुंआधार निरिक्षण कर रहे हैं लेकिन हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं। सरकारी स्कूलों की बदहाली जस की तस बनी हुई है। बिहार के सरकारी स्कूलों की बदहाली की एक तस्वीर बांका जिले से सामने आई है, जहां छोटे छोटे स्कूली बच्चे सड़क पर पढाई करते दिखे। बदहाली की तस्वीर सामने आने के बाद लोग पूछ रहे हैं कि क्या इसको लेकर केके पाठक एक्शन लेंगे?
दरअसल, बांका में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के कारण कई इलाकों में जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। अमरपुर में पिछले तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से गांवों में बारिश का पानी जमा हो गया है। अमरपुर प्रखंड क्षेत्र के बिशनपुर पंचायत के मंझगांय गांव में भी जगह जगह बारिश का पानी जम गया है। सबसे बुरी स्थिति गांव के प्राथमिक विद्यालय की है जहां स्कूल परिसर तथा कमरों तक में पानी जमा हो गया है। इसके निकासी की व्यवस्था नहीं होने से स्कूल में पानी बढ़ता जा रहा है।
हालात ये हैं कि स्कूल में जल जमाव के कारण बच्चे स्कूल के बाहर सड़क पर नीचे बैठ कर पढ़ाई करने को मजबूर हो गए हैं। शिक्षक भी सड़क पर ही कुर्सी लगाकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। स्कूल में तीन शिक्षक हैं जिसमें प्रधानाचार्य मनोज पासवान, सहायक शिक्षक संजीत कुमार तथा मनोज पासवान शामिल हैं। प्रधानाचार्य ने बताया कि स्कूल में 70 बच्चे नामांकित हैं। स्कूल के भवन की स्थिति भी जर्जर हो चुकी है। भवन के छत के टुकड़े आए दिन गिरते रहते हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव के लोगों के सहयोग से वर्ष 1950 में स्कूल की स्थापना की गई थी। कुछ वर्षों बाद स्कूल भवन का निर्माण कराया गया लेकिन निर्माण के बाद कभी भवन की मरम्मती नहीं हुई। स्कूल भवन की मरम्मती के लिए विभागीय अधिकारियों से कई बार आग्रह किया गया लेकिन आज तक भवन की मरम्मती नहीं हो सकी। अब बारिश का पानी जमने से भवन के और ज्यादा जर्जर होने की संभावना बन गई है।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही स्कूल भवन की मरम्मती नहीं हुई तो किसी बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शिवनारायण ठाकुर ने कहा कि स्कूल परिसर में पानी जमा होने तथा भवन की जर्जर स्थिति की जानकारी प्रधानाध्यापक द्वारा दी गई है। उन्हें फिलहाल गांव में सुरक्षित जगह पर बच्चों को पढ़ाने का निर्देश दिया है। साथ ही इस समस्या से विभाग के अधिकारियों को अवगत भी करा दिया है।