DESK : सड़क हादसों में घायलों की मदद करने वाले मददगार अब परेशान नहीं होंगे. घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले अथवा चिकित्सीय सहायता करने वाले 'अच्छे शहरी' की पहचान गुप्त रखी जाएगी.
पुलिस अच्छे शहरी से पहचान, नाम, पता, मोबाइल नंबर बताने के लिए दबाव नहीं बना सकेगी. पुलिस उन्हें थाने पर बुलाने के लिए तंग नहीं करेगी और ना ही उनको सिविल अथवा आपराधिक मामले में गवाह बना सकती है.
अच्छे शहरी स्वेच्छा से अपनी पहचान बता सकते हैं अथवा अदालत में बतौर गवाह पेश होने की इच्छा जता सकते हैं. लेकिन यह सारी उनकी मर्जी पर निर्भर करेगा. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने बुधवार को संरक्षण देने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है. इसमें उल्लेख है कि मोटर वाहन अधिनियम 2019 के सेक्शन 134-ए दुर्घटना में घायलों को अस्पताल पहुंचाने अथवा चिकित्सीय मदद करने वाले एक अच्छे शहरी नागरिक को सिविल और अपराधिक मामलों में शामिल नहीं किया जा सकता है और ना ही उसे सड़क हादसे की किसी मामले में गवाह बनाया जा सकता है.