DESK : अब यदि किसी व्यक्ति की सड़क हादसे में मौत हो जाती है तो मृतक के आश्रित को बीमा कंपनी की तरफ से तीन महीने के भीतर पांच लाख का चेक मिल जाएगा. बिमा कंपनी से पैसे लेने के लिए अब दर-दर की ठोकरें नहीं खानी होगी ना ही अपने हक़ के लिए कोर्ट के चक्कर काटने होंगे. ऐसा इस लिए संभव हो पायेगा क्यों कि सरकार जल्द ही मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2020 लाने वाली है. इसके लिए नवंबर तक अधिसूचना जारी हो जाने की उम्मीद है.
इस बिल के पारित हो जाने के बाद सड़क हादसे में मृतकों के परिजनों को बगैर किसी परेशानी के पांच लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता राशि बीमा कंपनी को तीन महीने के अंदर पीड़ित परिवार को देना होगा. इसके अलावा सरकार उच्च वर्ग पीड़ित परिवारों के लिए भी जल्द ही न्यूनतम मुआवजा राशि तय करेगी.
इस विधेयक में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होने पर सड़क हादसे में मृत्यु हो जाने पर परिवार को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है. सरकार इस नियम को केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) 1989 के तहत लागू करेगी. अधिकारियों ने बताया कि कानून मंत्रालय की तरफ से अनुमति मिलने के बाद नवंबर के प्रथम सप्ताह में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस संबंधी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.
इस बारे में एक वरिष्ट अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में मध्य वर्ग व निम्न मध्य वर्ग के 70 फीसदी पीड़ितों को अधिकतम 2.5 से 3 लाख रुपये मिलते हैं. इसके लिए भी परिवार को सालों तक मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) में चक्कर काटना पड़ता है. लेकिन इस विधेयक के पास हो जाने पर अब मुआवजा राशि बगैर मिलने में किसी तरह की देरी नहीं होगी.
हालांकि, एक बार मुआवजा लेने के बाद पीड़ित परिवार एमएसीटी के केस दाखिल नहीं कर सकेंगा. लेकिन उच्च वर्ग के पीड़ित परिवारों के पास कोर्ट जाने का विकल्प मौजूद रहेगा. बस-कार ऑपरेशन कंफेडरेशन ऑफ इंडिया एवं सीएमवीआर समिति (बीमा) के अध्यक्ष गुरमीत तनेजा ने बताया कि कोरोना के कारण नए नियम लागू होने में देरी हुई है, अन्यथा यह अधिसूचना अक्तूबर में लागू हो जानी चाहिए थी.