साबिर अली को BJP ने दिया इनाम: कभी आतंकी भटकल का दोस्त बताया था अब बनाया अल्पसंख्यक मोर्चा का राष्ट्रीय महामंत्री

साबिर अली को BJP ने दिया इनाम: कभी आतंकी भटकल का दोस्त बताया था अब बनाया अल्पसंख्यक मोर्चा का राष्ट्रीय महामंत्री

PATNA : 7 साल पहले बिहार के साबिर अली को बीजेपी नेताओं ने आतंकी यासीन भटकल का दोस्त करार दिया था. फिर ऐसा बखेड़ा खड़ा हुआ था कि उन्हें बीजेपी की सदस्यता दिलाने के 24 घंटे के भीतर पार्टी से बाहर कर दिया गया था. 7 साल बाद बीजेपी ने उन्हें इनाम दिया है. साबिर अली को बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा का राष्ट्रीय महामंत्री बनाया गया है. बिहार के एक अन्य नेता को BJP अल्पसंख्यक मोर्चा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. दरअसल बीजेपी ने आज अपने अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के नाम का एलान किया है. इसमें बिहार के दो नेताओं को जगह मिली है. साबिर अली को राष्ट्रीय महामंत्री बनाया गया है. वहीं, अररिया के मुफ्ती अब्दुल वहाब कासमी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. 


कौन हैं साबिर अली
साबिर अली की पॉलिटिक्स में एंट्री 2008 में हुई थी जब स्व. रामविलास पासवान ने उन्हें अपनी पार्टी एलजेपी से राज्यसभा सांसद बना दिया था. बिहार के पूर्वी चंपारण के मूल निवासी साबिर अली का मुंबई में कारोबार है. उनके अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन के आरोप लगते रहे हैं हालांकि कुछ साबित नहीं हो पाया है. साबिर अली को रामविलास पासवान ने सांसद बनाया लेकिन बाद में वे पाला बदल कर जेडीयू में शामिल हो गये. लेकिन 2014 में उन्हें नीतीश कुमार ने जेडीयू के टिकट पर राज्यसभा भेजने इंकार कर दिया था. साबिर अली उसके बाद बागी हो गये थे.


नकवी ने कहा था भटकल का दोस्त
2014 में साबिर अली बीजेपी में शामिल हो गये. लेकिन तब बीजेपी के कद्दावर नेता औऱ अभी मोदी सरकार में मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भटकल का दोस्त करार दिया था. साबिर की बीजेपी में एंट्री को लेकर ऐसा बखेडा खड़ा हुआ था कि बीजेपी ने 24 घंटे के भीतर उनकी सदस्यता वापस ले ली थी.


नीतीश के नाक में दम कर दिया था
2014 में बिहार में राज्यसभा चुनाव हुए तो साबिर अली निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतर गये थे. साबिर ने जेडीयू विधायकों में जबरदस्त सेंधमारी की थी. साबिर अली की चुनौती के बाद ही पार्टी औऱ अपनी साख बचाने के लिए नीतीश कुमार को लालू यादव से मदद मांगनी पड़ी थी. लालू यादव की मदद से ही नीतीश कुमार अपनी पार्टी के उम्मीदवार को जीत दिला पाये औऱ साबिर चुनाव हार गये थे.


2015 में फिर से हुई थी बीजेपी में एंट्री
2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने साबिर अली को फिर से पार्टी में शामिल कराया था. पटना के बीजेपी दफ्तर में साबिर अली को फिर से पार्टी की सदस्यता दिलायी गयी थी. हालांकि पार्टी में शामिल होने के बाद भी साबिर अली की बीजेपी में कोई पूछ नहीं हो रही थी. अब उन्हें अल्पसंख्यक मोर्चा का राष्ट्रीय महामंत्री बनाया गया है.