PATNA : बॉडीगार्ड हत्या मामले में अभियुक्त बनाये गये बनियापुर से राजद विधायक केदार नाथ सिंह समेत उनके भाई दीना नाथ सिंह और भतीजा सुधीर सिंह के खिलाफ चल रहे ट्रायल को छपरा के एमपी- एमएलए कोर्ट में ही सुनवाई करने का आदेश हाइकोर्ट ने दिया है। वहीं, इस केस में नियुक्त नये स्पेशल पीपी पर अपनी सहमति जताते हुए राज्य सरकार को नये स्पेशल पीपी की नियुक्ति को अधिसूचित करने का आदेश दिया। इसके साथ ही नये स्पेशल पीपी को सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने को भी कहा है।
कोर्ट ने इस मामले को छपरा के एमपी- एमएलए कोर्ट से पटना के एमपी- एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित करने से इन्कार करते हुए कहा कि नये स्पेशल पीपी की बहाली होने पर आवेदक ने कोई आपत्ति नहीं की है। न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने अन्नु देवी व अन्य की ओर से दायर मामले पर सुनवाई करते हुए इसी आदेश के साथ मामले को निष्पादित कर दिया।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अमित नारायण ने कोर्ट को बताया कि इस केस में वैसे स्पेशल एपीपी की बहाली की गयी है जिसकी नियुक्ति के पूर्व महाधिवक्ता से परामर्श तक नहीं लिया गया था। उनका कहना था कि कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद हाइकोर्ट के अधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा को नया स्पेशल पीपी बनाया गया है।
विधायक अपने सरकारी अंगरक्षक और निजी अंगरक्षकों के साथ उपस्थित थे। विधायक अंगरक्षकों के साथ सूचक के आदमी के साथ मारपीट करने लगे। जिसे देख दौड़े और मीटिंग हॉल से सभी को बाहर करने की मांग करने लगे और बैठक का बहिष्कार करने का उच्च अधिकारी से गुहार लगाने लगे। गुहार सुनकर सभी हॉल से बाहर आ गये। विधायक दलबल के साथ चले गये. वापस आ कर दीना नाथ सिंह रायफल से गोली चला दी।
अंगरक्षक मुन्ना सिंह बचाने के लिए आगे आ गये। गोली उसके बाह में लगी तभी केदार नाथ सिंह और सुधीर सिंह भी गोली मार दी। दीना नाथ सिंह कमर से रिवाल्वर निकाल सूचक को खोजने लगे। इसी बीच पुलिस फोर्स आ गई और सभी भाग गये. उनका कहना था कि इस केस के पीपी और एपीपी अभियुक्त के मेल में आ कर केस का ट्रायल कर रहे हैं।