शिवानंद तिवारी को बेचैनी का रोग, JDU उपाध्यक्ष बोले.. मानसिक रूप से विकृत हो चुके हैं RJD नेता

शिवानंद तिवारी को बेचैनी का रोग, JDU उपाध्यक्ष बोले.. मानसिक रूप से विकृत हो चुके हैं RJD नेता

BUXAR : बिहार में महागठबंधन की सरकार बने अभी दो महीने भी नहीं बीते हैं लेकिन आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी के बयान पर जेडीयू और आरजेडी के बीच ठन गई है। पिछले दिनों आरजेडी की राज्य परिषद की बैठक में खुले मंच से बोलते हुए शिवानंद तिवारी ने कहा था कि नीतीश कुमार बिहार की सत्ता तेजस्वी को सौंपकर आश्रम चले जाएं। शिवानंद तिवारी के उस बयान पर उपेंद्र कुशवाहा के आपत्ति जताने के बाद अब जेडीयू उपाध्यक्ष संजय सिंह ने बड़ा हमला बोला है। संजय सिंह ने कहा है कि शिवानंद तिवारी को बेचैनी का रोग है, जिसकी दवा जेडीयू के पास नहीं है।


बक्सर पहुंचे जेडीयू उपाध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि शिवानंद तिवारी उम्र के उस पड़ाव पर पहुंच चुके हैं, जहां उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है। शिवानंद तिवारी ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है उससे यही जाहिर हो रहा है कि वे मानसिक रूप से विकृत हो चुके हैं। शिवानंद तिवारी को तेजस्वी यादव से बात करना चाहिए। एक तरफ जहां तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना चाचा और अभिभावक बताते हैं वहीं दूसरी तरफ उनकी ही पार्टी के नेता शिवानंद तिवारी कहते हैं कि नीतीश कुमार को आश्रम चले जाना चाहिए।


संजय सिंह ने कहा है कि शिवानंद तिवारी को बेचैनी का रोग है, उस बेचैनी की दवा जेडीयू के पास नहीं है। ऐसे लोगों को जेडीयू नेटिस भी नहीं लेती है। उन्होंने कहा कि शिवानंद तिवारी मीडिया के डार्लिंग हैं। मीडिया में बने रहने के लिए वे इस तरह का बयान देते हैं, इसलिए ऐसी लोगों को जेडीयू नोटिस नहीं लेती है। शिवानंद तिवारी को बेचैनी की दवा लेने के लिए दुकान जाना होगा, जेडीयू के पास इसकी कोई दवा नहीं है।


बता दें कि आरजेडी की राज्य परिषद की बैठक में खुले मंच से शिवानंद तिवारी ने नीतीश कुमार को 2025 में संन्यास लेकर आश्रम चले जाने और राजनीतिक कार्यकर्ताओं और युवाओं को प्रशिक्षण देने की सलाह दी थी। इतना ही नहीं आरजेडी के वरिष्ठ नेता ने विपक्षी एकजुटता को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर भी संदेह जताया था और कहा था कि विपक्ष को एकजुट करना तराजू में मेंढक को तौलने के समान है।