PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्या वाकई केंद्र का रुख करने वाले हैं नीतीश कुमार को देश का अगला राष्ट्रपति बनाए जाने की चर्चा शुरू हो गई है. मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल जुलाई महीने में खत्म हो रहा है और इसी बीच नीतीश कुमार की उम्मीदवारी को लेकर सियासी गलियारे में हलचल की खबर है. यह खबर फैलते ही बिहार में भी सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. नीतीश कुमार को राष्ट्रपति बनाये जाने को लेकर कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए नीतीश कुमार के नाम की चर्चा पता नहीं कहां से शुरू हुई. भारतीय जनता पार्टी अगर उनको राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाना चाहती हो तो इसमें विपक्ष को क्या एतराज़ हो सकता है. जहां तक विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में उनको पेश करने की बात होती है तो वह मुझे असंभव दिखाई देता है.
शिवानंद तिवारी ने कहा अगर नीतीश के राष्ट्रपति बनने की चर्चा हो रही है तो उस हालत में तो नीतीश कुमार को भारतीय जनता पार्टी से अलग होना होगा. क्या यह मुमकिन है? शिवानंद तिवारी ने याद दिलाया कि नीतीश कुमार की नरेन्द्र मोदी के प्रति क्या धारणा थी और क्या संकल्प लेकर ये उनसे अलग हुए थे ? आज उन्हीं नरेंद्र मोदी द्वारा सच्चे समाजवादी होने के प्रमाण पत्र को जो व्यक्ति अपने ऊपर उनकी कृपा मानता हो वह भाजपा से अलग हो सकता है? कोई इसकी कल्पना भी कैसे कर सकता है.
शिवानंद तिवारी ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि यह भी देखने की बात है कि राष्ट्रपति सेना के तीनों अंगों का सर्वोच्च कमांडर होता है. शिवानंद तिवारी ने चिंता जताते हुए कहा कि यह विचारणीय है कि सेना का सर्वोच्च कमांडर क्या ऐसा होना चाहिए जो अपने सार्वजनिक जीवन में हर चुनौती के सामने घुटने टेकता आया है, जो अपने संकल्पों पर टिकता नहीं हो, ऐसा व्यक्ति संकट के समय हमारी सेना को अनुप्राणित कैसे कर सकता है.