PATNA : बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने मंगलवार को जो बयान दिया था उसके बाद नई बहस छिड़ गई है. सुशील मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव को डिजिटल इलेक्शन की दिशा में बढ़ता हुआ बताया था. मोदी ने कहा था कि बिहार के चुनाव इस बार डिजिटली लड़े जाएंगे. उन्हें इस बात की उम्मीद है कि घर बैठे लोग ऑनलाइन वोटिंग कर सकते हैं. इलेक्शन कैंपेन से लेकर मतदान तक की प्रक्रिया सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल के साथ होगी.
चुनाव आयोग करेगा तय
सुशील मोदी के इस बयान के बाद अब बिहार में नई सियासी बहस छिड़ी हुई है. सुशील मोदी के बयान को लेकर आरजेडी ने कोई सीधी प्रक्रिया प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया है. हालांकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने फर्स्ट बिहार से बातचीत में कहां है कि बिहार चुनाव का मॉडल कैसा होगा इससे इलेक्शन कमीशन तय करेगा. जगदानंद सिंह ने कहा है कि चुनाव आयोग को संवैधानिक दायित्व मिला हुआ है. देश में चुनावी प्रक्रिया को तय करने का अधिकार और किसी के पास नहीं है. ऐसे में चुनाव आयोग जब विधानसभा चुनाव को लेकर पहल करेगा तब सारी बातों पर चर्चा होगी.
सुशील मोदी कोई चुनाव आयोग नहीं
आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा है कि डिप्टी सीएम सुशील मोदी चुनाव आयोग नहीं है. इसलिए फिलहाल उनकी तरफ से रखी जा रही बातों पर कोई प्रतिक्रिया देना बेमानी है. जगदानंद सिंह ने कहा है कि सुशील मोदी जो कुछ कह रहे हैं वह उनकी सोच है. लेकिन बिहार की जनता मताधिकार का प्रयोग कैसे करें कि इससे आयोग को तय करना है. जगदानंद सिंह ने कहा है कि भूत कब्जे की घटनाओं पर काबू पाने के लिए ईवीएम का इस्तेमाल किया गया और अब जिस तरह की बातें सुशील मोदी कह रहे हैं. उससे घर में बैठकर मतदान करने वाले मतदाताओं पर दबाव बनाना आसान हो जाएगा. आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि इन सब मुद्दों पर व्यापक चर्चा की जरूरत है और सही समय आने पर सब कुछ तय होगा.