PATNA : आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भले ही चारा घोटाला मामले में जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आ गए हो लेकिन तब तक उनकी पटना वापसी नहीं हो पाई है। लालू पिछले दो मौकों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से जुड़े हैं। पहली बार विधायकों के साथ बैठक में और दूसरी बार पिछले दिनों पार्टी के स्थापना दिवस समारोह के मौके पर। लालू प्रसाद को वर्चुअल मोड में देखने वाले लोग अब यह बात अच्छे से समझ रहे हैं कि आरजेडी सुप्रीमो की तबीयत पहले जैसी नहीं है। उनकी सेहत में गिरावट साफ तौर पर महसूस की जा सकती है। लालू का पुराना दमखम भी जाता रहा है। ऐसे में अब अगर जल्द ही आरजेडी के अंदर लालू हो जाए तो कोई बहुत अचरज नहीं होगा। आरजेडी के अंदरखाने लगातार यह चर्चा होने लगी है कि लालू प्रसाद यादव की खराब सेहत को देखते हुए तेजस्वी यादव को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। दिल्ली दौरे पर गए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के लालू से मुलाकात के बाद इस चर्चा को और रफ्तार मिली है।
लालू परिवार के करीबी नेताओं की मानें तो खुद आरजेडी सुप्रीमो भी इस बात पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। जगदानंद सिंह ने जब लालू यादव से मुलाकात की इस दौरान भी इस पर चर्चा हुई। ऐसा नहीं है कि तेजस्वी यादव फिलहाल पार्टी का नेतृत्व नहीं कर रहे, तेजस्वी के नेतृत्व में ही पार्टी ने विधानसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन नेता होने के बावजूद तेजस्वी के हाथ में संगठन की कमान नहीं है। अभी हर फैसले के लिए लालू की तरफ देखना सांगठनिक मजबूरी है। लालू यादव की सक्रियता नहीं होने की वजह से कई मामलों में परेशानी भी होती है। पार्टी के संविधान में बदलाव के बाद लालू यादव आजीवन अध्यक्ष बन चुके हैं लेकिन कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर अगर तेजस्वी यादव की ताजपोशी होती है तो इससे कई बदलाव देखने को मिलेंगे।
पिछले दिनों पार्टी के 25वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान मंच पर जो कुछ हुआ वह बात भी इस नई चर्चा के पीछे बड़ी वजह बताई जा रही है। दरअसल खुले मंच से तेज प्रताप यादव ने जिस तरह तेजस्वी को नसीहत दी, जगदानंद सिंह पर निशाना साधा उसे लेकर भी तेजस्वी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की मांग तेज हुई है। भले ही जगदानंद सिंह तेज प्रताप यादव से नाराजगी की बात को खारिज कर चुके हो लेकिन अंदर खाने से खबर यही है कि जगदा बाबू नहीं चाहते कि तेज प्रताप की सक्रियता पार्टी में उस स्तर पर हो जैसा अब है। अगर तेजस्वी यादव कार्यकारी अध्यक्ष बनते हैं तो तेज प्रताप समेत तमाम ऐसे नेताओं के ऊपर फैसला लेने के लिए अधिकृत होंगे जो पार्टी को मौजूदा वक्त में कहीं न कहीं नुकसान पहुंचा रहे। तेज प्रताप यादव ने खुले मंच से जो कुछ कहा था वह लालू यादव की सुन रहे थे। लालू यादव पिता हैं लिहाजा वह तेज प्रताप के ऊपर कोई कड़ा फैसला नहीं ले सकते लेकिन अगर नेतृत्व तेजस्वी के हाथ में आया तो किसी भी फैसले की उम्मीद की जा सकती है। आपको बता दें कि जगदानंद सिंह लालू यादव के प्रमुख रणनीतिकार माने जाते हैं। साल 2017 में जब महागठबंधन टूटा था तब भी जगदानंद सिंह ने ही आरजेडी की सरकार बनाने के लिए तेजस्वी यादव को सीएम के चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट किया था। जगदा बाबू और लालू यादव की मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव भी सोमवार को दिल्ली पहुंच चुके हैं। अब आगे इस मामले पर क्या डेवलपमेंट होता है देखना दिलचस्प होगा।