कुनबे में लगी आग को बुझाने में लगी राबड़ी देवी, बेटे-बेटियों में सुलह की कोशिश, भारी संकट में RJD

कुनबे में लगी आग को बुझाने में लगी राबड़ी देवी, बेटे-बेटियों में सुलह की कोशिश, भारी संकट में RJD

PATNA : 5 दिन पहले जब पटना के सबसे बड़े होटल में आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठी तो बैठक में मौजूद विधायकों की तादाद देखकर पार्टी के कर्णधारों की बेचैनी परवान पर थी। पार्टी ने अपने सभी विधायकों को बैठक में बुलाया था लेकिन 79 में से बमुश्किल 40-45 विधायक ही बैठक में पहुंचे थे। बेचैनी की इस घड़ी में पार्टी के ही कुछ नेताओं वे आग में घी डाल दिया। शिवानंद तिवारी ने खुलेआम तेजप्रताप यादव पर पार्टी विरोधी गतिविधि का आरोप मढ़ते हुए कार्रवाई की माँग कर दी। मीसा भारती से उनकी बहस हुई। ख़ुद तेजस्वी ने जो कहा वो कुनबे में लगी आग को हवा देने के लिए काफ़ी था। तेजस्वी बोले.. वह जानते हैं कि कौन लोग उनके ख़िलाफ़ अफ़वाह फैला रहे हैं.. कौन लोग हैं जो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्व को काम नहीं करने दे रहे हैं.. पार्टी ऐसे कैसे काम कर सकती है। सारे इशारे अपने ही कुनबे पर थे, जिसमें धधक रही आग की लपटें अब आम लोगों को भी साफ़ साफ़ दिख रही थीं। बेचैनी में राबड़ी लालू यादव जेल में हैं। जो मिलने जा रहे हैं उनसे अपनी परेशानी खुल कर बता रहे हैं। कुनबा तबाही के कगार पर है लिहाज़ा ज़िम्मेवारी राबड़ी पर आ गयी है। लालू परिवार से जुड़े लोग बता रहे हैं कि अपने बेटे-बेटियों के बीच मचे घमासान को शांत करने का ज़िम्मा राबड़ी देवी ने संभाल लिया है। परिवार के सियासी वारिस तेजस्वी जिस मन मिज़ाज में हैं उससे पूरी ज़मीन ख़त्म होने की कगार पर है। बात साफ़ हो गयी है कि उनकी नाराज़गी अपने भाई बहन से ही है। राबड़ी ने पहल की तो तेजप्रताप शांत हुए। ये माँ की ही पहल थी जिसके बाद राजद कार्यसमिति की बैठक में तेज़ ने तेजस्वी को भगवद गीता देकर उन्हें फिर से अर्जुन बताया। कुछ दिनों पहले तक तेजप्रताप दिनकर को पढ़ रहे थे.. जब नाश मनुज का आता है, पहले विवेक मर जाता है। सूत्र बताते हैं कि राबड़ी देवी ने दोनों भाइयों को साथ में बिठाकर मामला शांत करने की कोशिश की है। माँ के हाथो खाना खाते तेजप्रताप की सोशल मीडिया पर फ़ोटो के पीछे की कहानी कुछ और थी। राबड़ी देवी ने मीसा भारती और तेजस्वी के बीच भी विवाद को शांत करने की कोशिश की है लेकिन सूत्र कह रहे हैं कि बात अभी बनी नहीं है। गंभीर संकट में RJD पारिवारिक कलह के बीच राजद गंभीर संकट में है। पार्टी के कई विधायकों के जदयू से लेकर बीजेपी के संपर्क में रहने की चर्चा आम है। विधानसभा के सत्र में भी ये साफ़ दिख रहा है। सदन में एक दिन वोटिंग हुई तो पार्टी के आधे विधायक ग़ायब थे। पार्टी नेतृत्व उनसे जबाव तलब करने का साहस नहीं जुटा पा रहा है। संगठन की तमाम गतिविधियाँ लगभग ठप हैं। 34 दिनों तक ग़ायब रहे तेजस्वी पटना लौटे भी तो पार्टी के कामकाज में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। इन सबके बीच राबड़ी की पहल क्या रंग लायेगी ये कहना मुश्किल है।