PATNA : लालू प्रसाद यादव लगातार 11वीं बार आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेगें। चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू यादव ने पार्टी की कमान किसी दूसरे के हाथों में देने का जोखिम नहीं उठाया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए लालू प्रसाद का नामांकन पत्र कल पार्टी के राष्ट्रीय निर्वाचन अधिकारी के सामने दाखिल किया जाएगा। रिम्स में इलाज करा रहे लालू यादव की तरफ से उनके प्रतिनिधि नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। लालू यादव ने इस फैसले के साथ अब तक चल रहे तमाम कयासों पर विराम लगा दिया है।
आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष पद पर लालू यादव ने जिस तरह अंतिम वक्त में रामचंद्र पूर्वे की जगह जगदानंद सिंह का नाम आगे किया उसके बाद पार्टी के अंदर और बाहर दोनों जगह लगातार इस बात की अटकलें लग रही थीं कि लालू यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर भी इसी तरह चौंकाने वाला फैसला ले सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लालू यादव ने सभी अटकलों को खारिज करते हुए पार्टी की कमान अपने हाथों में रखने का फैसला किया है। लालू यादव का नामांकन पत्र पहले से ही तैयार रखा गया है, जिसे कल दाखिल किया जाएगा।
पार्टी के स्थापना के बाद से लालू यादव पार्टी के लगातार राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाते रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर निर्वाचन को लेकर पार्टी का संविधान तक बदला जा चुका है। लालू यादव के ताजा फैसले में तेजस्वी के करीबी नेताओं को मायूस कर दिया है। सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा हो रही थी कि अगर लालू राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनते हैं तो वह तेजस्वी यादव को पार्टी की कमान दे सकते हैं। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का नाम भी विकल्प के तौर पर देखा जा रहा था, लेकिन लालू यादव ने फिलहाल नेतृत्व परिवर्तन से परहेज किया है. माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव के साथ-साथ परिवार के अंदर मचे घमासान को और आगे बढ़ने से रोकने के लिए लालू ने यह फैसला लिया है। हालांकि राजनीति में अंतिम वक़्त पर क्या होगा इसकी कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता.