PATNA : बिहार की विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल कल 5 जुलाई को बड़े ही धूमधाम से पार्टी का 25वां स्थापना दिवस मनाने जा रही है. पार्टी की ओर से रजत जयंती कार्यक्रम का आयोजन पार्टी ऑफिस में किया जा रहा है. रजत जयंती से एक दिन पहले आरजेडी की ओर से नया पोस्टर जारी किया गया है. जिसमें राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की तस्वीर लगाई गई है. पोस्टर में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव नजर आ रहे हैं. इसपर लिखा है कि राजद के 25वें स्थापना दिवस की बधाई. अब इसी तस्वीर को लेकर बिहार में सियासत शुरू हो गई है. सूबे के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर लालू परिवार पर हमला बोला है.
बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि "राजद ने बिहार में अपने 15 साल के भ्रष्टाचार, अपहरण-फिरौती-पलायन वाले भयानक दौर को जनमानस की स्मृतियों से मिटा देने की नीयत से 2020 के विधानसभा चुनाव के समय लालू प्रसाद और राबड़ी देवी की तस्वीरें चुनावी पोस्टर-बैनर से हटा ली थीं। अतीत के गुनाह से पल्ला झाड़ने की यह कोशिश नाकाम रही। राजद की सीटें घट गईं, क्योंकि लोग अब भी वे दिन नहीं भूले हैं, जब शोरूम से गाड़ियां उठा ली जाती थीं और शाम ढलते दुकानें बंद हो जाया करती थीं।"
हालांकि पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अपनी ख़ुशी भी जाहिर की. उन्होंने कहा कि "लालू प्रसाद अब जेल में रहें या जमानत पर,पार्टी के पोस्टर-बैनर से गायब किये जाएँ या उनकी सचित्र वापसी हो, बिहार की राजनीति पर इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। यह दिल बहलाने के लिए एक राजनीतिक दल की आंतरिक कसरत-भर है। यह प्रसन्नता की बात है कि राजद अपने आजीवन अध्यक्ष लालू प्रसाद और बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की तस्वीरें पार्टी के बैनर-पोस्टर में वापस लाकर 25 वां स्थापना दिवस मना रहा है। उम्मीद की जाएगी कि पार्टी अगले चुनाव के समय लालटेन युग के दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के चित्र पोस्टर से फिर नहीं हटाएगी।"
गौरतलब हो कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान जब तेजस्वी यादव राजद की बागडोर संभाल रहे थे, तब उनकी छवि को बेदाग दिखाने के लिए लालू यादव की तस्वीरों वाले सभी बैनर, पोस्टर और होर्डिंग हटवा दिए गए थे. उल्लेखनीय है कि उस समय लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला मामले में जेल में बंद थे. ऐसे में अब पार्टी के पोस्टरों में उनकी वापसी के खूब सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.