RJD के जिलाध्यक्षों की सूची से ब्राह्मण और भूमिहार का पत्ता साफ ,सवर्णों के नाम पर 3 राजपूतों को जगह, यादववाद से उबर नहीं पाये जगदानंद

RJD के जिलाध्यक्षों की सूची से ब्राह्मण और भूमिहार का पत्ता साफ ,सवर्णों के नाम पर 3 राजपूतों को जगह, यादववाद से उबर नहीं पाये जगदानंद

PATNA: लंबे समय तक मंथन के बाद आज जब जगदानंद सिंह ने RJD के 49 जिलाध्यक्षों की सूची जारी की तो पार्टी को यादववाद से बाहर नहीं निकाल पाये. समाज के सभी तबकों को साथ लेकर चलने की बात कर रहे लालू यादव के कुनबे ने जिलाध्यक्षों की सूची से भूमिहारों और ब्राह्मणों के साथ साथ कायस्थों को पूरी तरह से गायब कर दिया गया. सवर्णों के नाम पर पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की जाति के तीन जिलाध्यक्ष बनाये हैं. 

राजद में फिर से यादववाद 

RJD के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने आज तेजस्वी ये लेकर राबड़ी देवी से राय विचार कर अपने जिलाध्यक्षों की सूची जारी की. वैसे सूची पहले से तैयार थी लेकिन तेजस्वी बिहार से बाहर थे. आज वे वापस पटना लौटे और तब उनकी आखिरी मुहर इस सूची पर लगी. वैसे बिहार में इस साल चुनाव है और लालू फैमिली के युवराज समाज के सभी तबके को लोगों को साथ लेकर चलने की बात कर रहे थे. लेकिन पार्टी के जिलाध्यक्षों की सूची ने जाहिर कर दिया कि भरोसा MY समीकरण पर ही है. हालांकि जिलाध्यक्षों की सूची में इस दफे आरक्षण लागू कर अति पिछड़ी जाति और अनुसूचित जाति के लोगों को जिलाध्यक्ष बनाने का एलान किया गया. लेकिन अति पिछड़ों और दलितों को कंट्रोल में रखने के लिए ज्यादातर जगहों पर प्रधान महासचिव के रूप में यादवों को बिठा दिया गया है. यादवों के साथ साथ मुसलमानों को भी खासी तरजीह दी गयी है.

सवर्णों के नाम पर तीन राजपूत

RJD के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने RJD के जिलाध्यक्षों की सूची में अपनी जाति के लोगों को नुमाइंदगी दिलवा दिया. संगठन के हिसाब से उनकी पार्टी ने बिहार को 50 जिलों में बांट रखा है, जिसमें 49 के जिलाध्यक्षों की आज घोषणा की गयी. इसमें से तीन जगहों पर राजपूत जाति के जिलाध्यक्ष चुने गये. जगदानंद सिंह के गृह क्षेत्र बक्सर में शेषनाथ सिंह तो शिवहर में कुंवर धर्मेंद्र सिंह को जिलाध्यक्ष बनाया गया है.  सवर्णों की बाकी तीन जातियों की RJD ने एक बार फिर कोई नोटिस नहीं ली है. 


अति पिछड़ों और दलितों पर भी यादवों का घेरा

वैसे RJD ने इस दफे ये एलान किया था कि पार्टी में अति पिछड़ों और दलितों को आरक्षण दिया जायेगा. 22 जिलों को उनके लिए आरक्षित कर वहां अति पिछडे या SC/ST तबके के नेताओं को जिलाध्यक्ष बनाया गया है. लेकिन वैसे ज्यादातर जिलों में जिलाध्यक्षों पर नजर रखने के लिए प्रधान महासचिव के तौर पर यादवों की नियुक्ति कर दी गयी है. 


पार्टी ने अगर वैशाली में वैद्यनाथ चंद्रवंशी को अध्यक्ष बनाया है तो वहां यादव जाति से आने वाले मुन्ना राय तो प्रधान महासचिव बना दिया गया है. अगर मुजफ्फरपुर में रमेश गुप्ता को जिलाध्यक्ष बनाया गया है तो प्रधान महासचिव पद पर निरंजन राय को बिठाय़ा गया है. सिवान में अगर दलित तबके के परमात्मा राम को जिलाध्यक्ष बनाया गया है तो प्रधान महासचिव ओषिदर यादव को बनाया गया है. बांका में अगर नाई जाति के अर्जुन ठाकुर जिलाध्यक्ष बने हैं तो मिट्ठन यादव प्रधान महासचिव बनाये गये हैं. मुंगेर में जिलाध्यक्ष देवकीनंदन बिंद के लिए शरद राय प्रधान महासचिव बना दिये गये हैं. नालंदा में दलित जिलाध्यक्ष अशोक हिमांशु के लिए सुनील यादव प्रधान महासचिव बने हैं. कैमुर में जिलाध्यक्ष अकलू राम के लिए भोला यादव प्रधान महासचिव हैं तो औरंगाबाद में जिलाध्यक्ष सुरेश मेहता के लिए अनिल यादव प्रधान महासचिव रहेंगे. ऐसे ही अगर जहानाबाद में अति पिछडे तबके के महेश ठाकुर जिलाध्यक्ष हैं तो परमहंस राय प्रधान महासचिव रहेंगे.