DELHI : राष्ट्रीय जनता दल का खुला अधिवेशन आज दिल्ली में आयोजित होने जा रहा है। इसके पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक रविवार को हुई थी, जिस दौरान भारी हंगामा देखने को मिला था। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और मंत्री तेज प्रताप यादव ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक पर सनसनीखेज आरोप लगाया और तेज प्रताप यादव एक दूसरे से भिड़ गए और इसके बाद जो हंगामा हुआ वह सबके सामने था। तेज प्रताप यादव की तरफ से लगाए गए आरोपों के बाद श्याम रजक की तबीयत बिगड़ गई और फिलहाल वह अस्पताल में हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने पहले ही बैठक से दूरी बना रखी है ऐसे में आज आयोजित होने वाले खुले अधिवेशन पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।
इस बात की उम्मीद ना के बराबर है कि प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और श्याम रजक आज की इस बैठक में शामिल हो पाएंगे। इसके पहले लालू यादव और तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दौरान पार्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं को क्लियर मैसेज दिया। लालू ने खुले तौर पर एलान कर दिया कि हर हाल में नीतीश कुमार के साथ गठबंधन कायम रहेगा। इतना ही नहीं लालू ने अभी मैसेज दिया कि नीतिगत और महत्वपूर्ण मसलों पर सिर्फ और सिर्फ तेजस्वी यादव ही पार्टी की तरफ से बोलेंगे लालू के मुताबिक किसी भी नेता को गठबंधन से लेकर सरकार की नीतियों पर कुछ भी बोलने की इजाजत नहीं होगी। लालू ने कार्यकर्ताओं को एकजुट रहने और मिलकर 2024 की लड़ाई लड़ने का संदेश दिया। रविवार की बैठक में जगदानंद सिंह को शामिल नहीं हुए लेकिन उनके बेटे और पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह बैठक में जरूर मौजूद रहे थे। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव बिहार में नई सरकार के गठन के बाद गठबंधन में शुरू हुए खटास को भांफ चुके हैं और यही वजह है कि उन्होंने दिल्ली से यह संदेश देने का प्रयास किया कि हर हाल में गठबंधन बना रहेगा और खटास के लिए फिलहाल कोई जगह नहीं है।
तेजस्वी यादव ने भी खुले मंच से राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दौरान पार्टी के नेताओं को व्यक्तिगत टकराव किनारे रखने की अपील की थी। तेजस्वी यादव ने हाथ जोड़ते हुए कहा था कि जिन किसी को भी थोड़ी परेशानी है वह अपना व्यक्तिगत मुद्दा किनारे रख दें। आरजेडी के खुला अधिवेशन में आज जिन प्रस्तावों को लाया जाना है उस पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कल चर्चा हो चुकी है। देखना होगा बिहार में महागठबंधन से लेकर 2024 तक के लिए लालू और तेजस्वी के एजेंडे में आखिर क्या कुछ रहता है।