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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 20 Sep 2024 07:14:08 AM IST
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DESK : कोलकाता आरजी कर कॉलेज एंड हॉस्पिटल से जुड़ी जांच की सामना कर रहे पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को एक और झटका लगा है। खबर है कि उनका मेडिकल प्रैक्टिस का लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है। जबकि किसी भी डॉक्टर को मरीज के इलाज के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है। लेकिन, अब पश्चिम बंगाल चिकित्सा परिषद (WBMC) ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष का पंजीकरण रद्द कर दिया।
दरअसल, संदीप घोष आरजीकर अस्पताल में महिला प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित दुष्कर्म के बाद हत्या के मामलें में इस समय केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की हिरासत में हैं। डब्ल्यूबीएमसी की तरफ से तैयार की जाने वाली रजिस्टर्ड डॉक्टरों की सूची से घोष का नाम हटा दिया गया है। अधिकारी ने बताया कि घोष का लाइसेंस बंगाल चिकित्सा अधिनियम 1914 के विभिन्न प्रावधानों के तहत रद्द किया गया। उन्होंने बताया कि घोष ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं और बिना लाइसेंस वह इलाज नहीं कर सकेंगे।
मालूम हो कि, घोष को दो सितंबर को सीबीआई ने अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं में कथित संलिप्तता के मामले में गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ्तारी ड्यूटी पर तैनात महिला प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के विरोध के बाद हुई। बाद में उन पर मामले में सबूतों से छेड़छाड़ करने का आरोप भी लगाया गया।