आरसीपी सिंह ने JDU के खेल की हकीकत बतायी: कहा-नीतीश कुमार के कहने पर ही मुझे केंद्र में मंत्री बनाया गया, कोई भ्रम में न रहे

आरसीपी सिंह ने JDU के खेल की हकीकत बतायी: कहा-नीतीश कुमार के कहने पर ही मुझे केंद्र में मंत्री बनाया गया, कोई भ्रम में न रहे

PATNA: केंद्र में मंत्री बनने के तकरीबन सवा महीने बाद बिहार पहुंचे आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार की ही पोल खोल दी. आरसीपी सिंह के मंत्री बनने के बाद जेडीयू के भीतर ये जोरों से चर्चा थी कि नीतीश की मर्जी के बगैर वे बीजेपी से सेटिंग कर मंत्री बन गये. आरसीपी सिंह ने पूरा कहानी सुना दी-कैसे नीतीश कुमार के कहने पर बीजेपी ने उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया.

आरसीपी सिंह ने खोला राज

दरअसल पिछले महीने जब नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था तो जेडीयू कोटे से आऱसीपी सिंह के मंत्री बनने पर कई सवाल उठे थे. खुद नीतीश कुमार सवालों के घेरे में थे. सियासी गलियारे में सवाल उठ रहे थे कि केंद्र में मिलने वाले एकमात्र मंत्री पद के लिए नीतीश को अपनी ही जाति औऱ जिले के आऱसीपी सिंह क्यों पसंद आये. जातिवाद के आऱोपों में घिरे नीतीश के बचाव में जेडीयू नेताओं ने ही ये कहानी प्रचारित की कि आरसीपी सिंह को तो पार्टी अध्यक्ष होने के नाते बीजेपी से बात करने को अधिकृत किया गया था लेकिन वे वरतुहार बन कर गये औऱ दुल्हा बन बैठे. यानि खुद ही मंत्री बनने की सेटिंग कर ली. यहां तक कि खुद ललन सिंह ने मीडिया में बयान दिया था कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का फैसला आरसीपी सिंह का था.


सोमवार को जब पटना पहुंचे तो आरसीपी सिंह ने इस राज से पर्दा उठाया कि वे मंत्री कैसे बने. आऱसीपी सिंह ने जेडीयू कार्यकर्ताओं के बीच खुले मंच से कहा कि उन्हें नीतीश कुमार की सिफारिश पर मंत्री बनाया गया. आऱसीपी सिंह के शब्दों को पढ़िये और समझिये


“हमारी पार्टी में एक नेता हैं नीतीश बाबू. आप लोग ही बताइये कि एक काम बिना पूछे हम किये हैं? 23 साल हो गये नीतीश जी के साथ काम करते हुए, कोई बता दे कि एक काम उनसे पूछे बगैर हम किये हों. एक निर्णय भी कोई बता दे. ये बात मानने वाली है कि हम नीतीश जी से बिना पूछे प्रधानमंत्री के पास पहुंच गये कि हमारा नाम राष्ट्रपति के पास शपथ लेने के लिए भेज दीजिये. तब तो जिसका मन करेगा वह प्रधानमंत्री के पास पहुंच जायेगा कि हमारा नाम शपथ लेने के लिए भेज दीजिये.”


नीतीश ने की थी मेरे नाम की सिफारिश

आऱसीपी सिंह ने कहा कि जेडीयू बीजेपी की सहयोगी पार्टी है. बीजेपी के नेताओं ने नीतीश कुमार से नाम मांगा कि किसे मंत्री बनाना है. नीतीश कुमार ने मेरा नाम सुझाया औऱ उसके बाद मुझे मंत्री बनाया गया. 


नरेंद्र मोदी का गुणगान

वैसे आऱसीपी सिंह एक बार फिर नरेंद्र मोदी का गुणगान करते दिखे. उन्होंने कहा कि हमसे लोग पूछते हैं कि जब जेडीयू को एक ही मंत्रीपद चाहिये था तो 2019 में ही मंत्रिमंडल में शामिल हो जाना चाहिये था. 2021 का इंतजार क्यों किया. आरसीपी सिंह ने कहा कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बड़प्पन है, उन्होंने बड़ा दिल दिखाया कि जेडीयू को मंत्रिमंडल में जगह दिया. वर्ना बीजेपी को अकेले बहुमत में है औऱ सरकार चलाने में सक्षम है. आऱसीपी सिंह ने कहा कि 2019 और 2021 की परिस्थितियां बदल गयी हैं. 2019 में जेडीयू की क्या स्थिति थी और अब क्या स्थिति है ये छिपी हुई बात नहीं है. 


आरसीपी सिंह ने बीजेपी-जेडीयू गठबंधन को लेकर भी कयास लगाने वालों को जवाब दिया. उन्होंने कहा कि जो लोग दोनों पार्टियों के अलग होने का ख्वाब पाल रहे हैं वे ख्वाब देखते ही रह जायेंगे. 2025 तक जेडीयू बीजेपी का गठबंधन अटूट है.