PATNA : लंबे इंतजार के बाद आखिरकार आरसीपी सिंह ने खुद के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने की कहानी सार्वजनिक कर दी. आरसीपी सिंह आज पटना पहुंचे तो पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने अपने और नीतीश कुमार के बीच मतभेद और केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर उनकी सहमति नहीं मिलने की खबरों को खारिज किया.
आरसीपी सिंह ने कहा कि वह ऐसे नेता नहीं जो नीतीश कुमार की सहमति के बगैर कोई काम करें. नीतीश कुमार की सहमति से ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुआ. आरसीपी सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर नीतीश कुमार ने बीजेपी नेतृत्व से बात की थी. जब हरी झंडी मिली उसके बाद ही मैं केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने को तैयार हुआ.
आरसीपी सिंह ने कहा कि साल 2019 और 2021 की परिस्थितियां बिल्कुल बदल चुकी थी. कुछ लोग यह सवाल उठा रहे थे कि साल 2019 में जब फार्मूले को नकार दिया गया था. तो फिर 21 में आखिर क्यों बदला लिया गया. उन लोगों को समझना चाहिए कि परिस्थितियां बदल चुकी हैं. अगर जेडीयू केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होता तो भी मतभेद को लेकर सवाल खड़े होते.
गौरतलब हो कि जब पिछले महीने मोदी कैबिनेट का विस्तार हो रहा था. जेडीयू के कई ऐसे सांसद हैं, जो केंद्र में मंत्री बनने का सपना पालकर बैठे थे. इस लिस्ट में सबसे ऊपर मुंगेर से सांसद और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का नाम सबसे ऊपर था. लेकिन तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने अपनी कुर्सी सेट कर ली और वे केंद्र में मंत्री बन गए. याद हो कि शपथ ग्रहण के अंतिम-अंतिम क्षण तक जेडीयू ने अपना पत्ता नहीं खोला कि एकहिरकार कौन-कौन मंत्री बन रहे हैं या जेडीयू को मोदी कैबिनेट कितनी कुर्सियां मिल रही हैं.