RCP के दिये भरोसे पर इंतजार करता रहा JDU, ललन सिंह बोले.. उम्मीदवारों के एलान में इसीलिए हुई देरी

RCP के दिये भरोसे पर इंतजार करता रहा JDU, ललन सिंह बोले.. उम्मीदवारों के एलान में इसीलिए हुई देरी

PATNA : जनता दल यूनाइटेड ने आखिरकार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी लेकिन उम्मीदवारों की घोषणा के साथ साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कैंडिडेट लिस्ट जारी होने में देरी का ठीकरा आरसीपी सिंह के माथे पर फोड़ दिया. ललन सिंह ने यह भी कहा कि बीजेपी के साथ न होने से हमें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. अगर बीजेपी पहले बता देती कि वह गठबंधन के मूड में नहीं है तो हम और सीटों पर उतरते. अभी हम 51 सीटों पर लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. अगर पहले क्लियर रहता तो 100 से भी ज्यादा सीटों पर लड़ते. 


ललन सिंह ने आज दिल्ली में प्रेस वार्ता के दौरान यह खुलकर कहा कि आरसीपी सिंह की वजह से हमें उम्मीदवारों की सूची जारी करने में देरी हुई. आरसीपी सिंह लगातार भरोसा देते रहे कि बीजेपी से गठबंधन हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. केसी त्यागी लगातार गृह मंत्री अमित शाह, BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और धर्मेंद्र प्रधान से बात की, लेकिन बात नहीं बनी.  


ललन सिंह ने कहा कि भाजपा की तरफ से कल शाम तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया. बीजेपी के अध्यक्ष नड्डा जी ने कुछ दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यूपी में उनके दो सहयोगी हैं संजय सहनी की पार्टी और अपना दल. इसके बाद भी हमने कहा कि बीजेपी अगर हमसे समझौता करना चाहती है तो उनको कम से कम ये तो कहना पड़ेगा कि हमारी जेडीयू से बातचीत हो रही है, लेकिन उसका भी कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया. आरसीपी सिंह के कहने पर भी हमने दो तीन दिन इंतजार किया, लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया. जिसके बाद जनता दल यूनाइटेड ने 26 विधानसभा सीटों की पहली सूची जारी कर दी है.'


बता दें कि जनता दल यूनाइटेड ने उत्तर प्रदेश में अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने आज दिल्ली में 26 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है. इसके साथ ही यह तय हो गया है कि यूपी में बिहार का एनडीए गठबंधन नहीं चल पाएगा. 



यूपी में बीजेपी से गठबंधन के लिए जेडीयू की तरफ से 27 सीटें मांगी जा रही थी, वहीं जेडीयू की एक शर्त ये भी थी कि अनुप्रिया पटेल की अपना दल से भले एक सीट भारतीय जनता पार्टी जेडीयू को ज्यादा दे तभी गठबंधन होगा, लेकिन आखिर में सीटों पर बात नहीं बनी और यूपी में दोनों की राहें अलग हो गई.