PATNA : नीतीश सरकार ने बिहार के मुसलमान सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए नया आदेश जारी किया है। रमजान के महीने में उनके लिए सरकारी दफ्तर का समय बदल दिया गया है। जिसके बाद अब इस फैसले पर बिहार में सियासी घमासान शुरू हो गया है। भाजपा के तरफ से इसको लेकर कहा गया है कि, जब रमजान को लेकर छूट मिल सकती है तो रामनवमी को लेकर क्यों नहीं।
बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि, जब रमजान पर छुट मिल सकती है तो रामनवमी पर भी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि, अभी आने वाले दिनों में रामनवमी का त्यौहार होने वाला है। हिंदुओं को तो सुबह से ही इस पूजा की तैयारी में बैठना पड़ता है। हर हिंदू के घर में रामनवमी होती है। तो फिर हिंदुओं को भी छूट मिलनी चाहिए उनको क्यों नहीं छूट मिलेगी। इस तरह से किसी जाति विशेष के लिए अलग से छूट देना उचित नहीं हैं।
इसके आगे उन्होंने कहा कि,इतने दिनों में कल हम लोगों ने पहली बार एक नया तरीका देखा जिसमें रमजान के मौके पर मुस्लिम कर्मियों को एक घंटा पहले आने और जाने की छूट दी गई है। इसके बाद अब यह साफ हो गया है कि अगस्त महीने में जो यह सरकार बनी है वह पीएफआई के जुड़े हुए लोगों की सरकार है। पूरे हिंदुस्तान में और बिहार में ऐसा कभी नहीं होता था यह अलग से नियम करना यह संकेत है कि सरकार में जो अफसर बैठे हैं वह पीएफआई के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं।
आपको बता दें कि , बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव बी. राजेन्दर ने इस संबंध में पत्र जारी किया है। जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि,रमजान के मौके पर मुस्लिम धर्म के सरकारी सेवकों के लिए कार्यालय का समय बदला जायेगा। उन्हें नियत समय से एक घंटा पहले आने और एक घंटा पहले जाने की छूट होगी।
उन्होंने राज्य सरकार के सभी कार्यालयों के प्रमुखों को लिखे पत्र में कहा है कि 2000 में ये फैसला लिया गया था कि रमजान के मौके पर मुस्लिम धर्म के सरकारी सेवकों के लिए कार्यालय का समय बदला जायेगा। उन्हें नियत समय से एक घंटा पहले आने और एक घंटा पहले जाने की छूट होगी। हालांकि इसी दौरान दूसरे धर्म के लोग पहले से तय समय के मुताबिक ऑफिस आते जाते रहेंगे। जिसके बाद अब इस पुरे मामले को भाजपा ने आक्रामक रूख अपनाया है और यह मांग उठाई है कि रामनवमी पर भी छूट मिलनी चाहिए।