PATNA : अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन समारोह 5 अगस्त को होने वाला है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होने वाले हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने आयोजन को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. कोरोना काल को देखते हुए इस आयोजन को भव्य पैमाने पर नहीं किया जा रहा है. मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ-साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी शामिल होने की खबरें सामने आई थी.
एक अंग्रेजी दैनिक अख़बार के मुताबिक भूमि पूजन कार्यक्रम में जिन लोगों को बुलाया जा रहा है. उनमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम भी शामिल है लेकिन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य और बिहार से आने वाले कामेश्वर चौपाल ने फिलहाल ऐसी किसी संभावना को खारिज किया है. फर्स्ट बिहार से खास बातचीत में कामेश्वर चौपाल ने कहा है कि कोरोना काल को देखते हुए कार्यक्रम को बेहद लिमिटेड रखा गया है और इसमें कुल 50 लोग से ज्यादा शामिल नहीं होंगे. ऐसी स्थिति में कौन कार्यक्रम में शामिल होगा और कौन नहीं, इसका फैसला ट्रस्ट के अध्यक्ष करेंगे. फर्स्ट बिहार ने जब कामेश्वर चौपाल से पूछा कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी न्योता दिया जा रहा है और वह भूमि पूजन समारोह में शामिल होंगे, तो चौपाल ने केवल इतना कहा कि वह किसी का नाम नहीं लेना चाहते लेकिन इस बाबत अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है.
खबरों के मुताबिक मर राम मंदिर भूमि पूजन समारोह में अयोध्या आंदोलन से जुड़े बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को बुलाए जाने की पूरी संभावना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावे संघ प्रमुख मोहन भागवत और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं.
एक अंग्रेजी दैनिक अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के शामिल होने की संभावना भी जताई गई है. लेकिन कामेश्वर चौपाल ने फिलहाल इन कयासों पर कुछ भी स्पष्ट तौर पर कहने से इनकार कर दिया है. फर्स्ट बिहार ने इस पूरे आयोजन पर कामेश्वर चौपाल से क्या बातचीत की है, आप देख सकते हैं.