DELHI : बिहार के पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र के प्रतिनिधि और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने संसद में कंप्यूटर शिक्षकों और किसानों की बदहाली का मुद्दा उठाया है। उन्होनें कहा कि बिहार में कंप्यूटर शिक्षक नौकरी के अभाव में भूखमरी के कगार पर पहुंच गये हैं और गरीब छात्र कंप्यूटर की शिक्षा से वंचित हो गये हैं वहीं उन्होनें बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से हुई फसलों के नुकसान का मुद्दा उठाते हुए केन्द्रीय टीम को क्षति के आंकलन के लिए बिहार भेजने की मांग की है।
सांसद रामकृपाल यादव ने शून्यकाल के दौरान देश के विभिन्न राज्यों में चल रहे माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों मे आई.सी.टी स्कूल योजना ठप्प होने और कंप्यूटर की शिक्षा के संबंध में सदन के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होनें कहा कि आई.सी.टी स्कूल योजना के तहत पिछले आठ-दस सालो से दी जा रही कंप्यूटर की शिक्षा तीन-चार सालों से बिहार, उत्तरप्रदेश, राजस्थान आदि कुछ राज्यों में ठप्प है। इन राज्यों के छात्र-छात्राएं कंप्यूटर की शिक्षा से वंचित हो गए है। वहीं, दूसरी ओर कंप्यूटर शिक्षा से जुड़े शिक्षक बेरोजगारी के कारण भुखमरी के कगार पर पहुंच गए है। उन्होनें सदन के माध्यम से केंद्रीय शिक्षा मंत्री से इस महत्वपूर्ण विषय पर तत्काल हस्तक्षेप करने और पुनः कंप्यूटर शिक्षा बहाल करने की मांग की।
वहीं रामकृपाल यादव ने केन्द्रीय कृषि मंत्री जी और गृह मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए अपने संसदीय क्षेत्र पाटलीपुत्र सहित बिहार के विभिन्न जिलों में पिछले दिनों हुई बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से फसलों की हुई भारी नुकसान का मुद्दा उठाया। उन्होनें कहा कि बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़कर रख दिया। क्षेत्र में हजारों एकड़ में लगी रबी की फसलें बेमौसम बारिश की कहर से बर्बाद हो गई है। इसको लेकर किसानों के बीच हाहाकार मचा हुआ है। फरवरी के अंतिम सप्ताह में हुई बारिश की वजह से किसानों को पहले ही आर्थिक रूप से भारी क्षति झेलनी पड़ी थी। मार्च की दूसरी बारिश ने बची-खुची फसलों को पूरी तरह से चौपट कर दिया है।
उन्होनें सदन में बताया कि मेरे संसदीय क्षेत्र पाटलीपुत्र के पालीगंज, दुल्हिन बाजार, बिक्रम, नौबतपुर, बिहटा, मनेर, मसौढ़ी, धनरुआ, पुनपुन, सहित अन्य इलाकों में गेहूं, मटर मसूर, चना, खेसारी, राई, सरसों, धनिया, टमाटर, प्याज़ आदि फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। बेमौसम बारिश से मेरे संसदीय क्षेत्र के धनरुआ प्रखंड के कररूआ और भुतही नदी का जलस्तर बढ़ गया जिससे कई एकड़ फसलों को काफी नुकसान हुआ है।खेतों में लगे गेहूं की फसल गिर गई हैं। चना, मसूर आदि फसलों में लगे फूल झड़ गए हैं। वहीं बारिश से आम की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है। पेड़ों पर लगे आम के मंजर झड़ गए हैं।
रामकृपाल यादव ने कहा कि पटना ज़िला का फतुहा , मोकामा टाल को का दाल का कटोरा कहा जाता है जहां मसूर व चना की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। प्याज के पौधे पानी में डुबकर बर्बाद हो गए है।बिहार के मगध और पटना के इलाकों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि किसानों को भारी क्षति हुई है। उन्होनें सरकार से अनुरोध किया कि केन्द्र सरकार एक केन्द्रीय टीम भेजकर किसानों को हुई भारी क्षति का आकलन करवाए। वहीं कृषि मंत्रालय और गृह मंत्रालय के आपदा विभाग क्षतिपूर्ति की पर्याप्त राशि बिहार और पाटलीपुत्र संसदीय क्षेत्र के किसानों के लिए जारी करें।