ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: ग्रामीण कार्य विभाग की बड़ी कार्रवाई: वित्तीय अनियमितता और लापरवाही के आरोप में 2 इंजीनियर सस्पेंड, अन्य पर भी गिरेगी गाज Bihar Crime News: दिनदहाड़े कार सवार से 5 लाख की लूट, बहन की शादी के लिए कर्ज लेकर जा रहा था घर स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर बिहटा एयरपोर्ट रखने की मांग, युवा चेतना के संयोजक ने नागरिक उड्डयन मंत्री से की मुलाकात TCH एदुसर्व ने किया ऐलान: BPSC TRE-4.0, CTET और STET के लिए नए बैच की शुरुआत, सीमित सीटें, जल्द कराए नामांकन गोपालगंज से बड़ी खबर: नहाने के दौरान गंडक नदी में डूबे 3 बच्चे, तलाश जारी Bihar Co Suspend: 'मंत्री' को गलत जानकारी देना CO को पड़ा महंगा, दो अधिकारी सस्पेंड CHAPRA: शहीद इम्तियाज को श्रद्धांजलि देने घर पहुंचे VIP के प्रतिनिधिमंडल, परिजनों से मिलकर हरसंभव मदद का दिया भरोसा BIHAR: जहानाबाद जेल में तैनात महिला सिपाही ने की आत्महत्या, कटिहार की रहने वाली थी शिवानी, एक महीने में यह तीसरी घटना Bihar News: 30 मई को बिहार दौरे पर नरेंद्र मोदी, इस एयरपोर्ट का करेंगे उद्घाटन; सासाराम में बड़ी जनसभा में होंगे शामिल Bihar News: अब गांव-गांव पहुंचेगी बैंकिंग सेवा, बिहार सरकार खोलेगी 144 नई शाखाएं; होगा रोजगार का श्रृजन

बिहार के 9 सहकारी बैंकों पर सरकार कसेगी नकेल, अपने हाथों में प्रबंधन लेने की तैयारी

1st Bihar Published by: Updated Sat, 30 Jan 2021 07:21:32 AM IST

बिहार के 9 सहकारी बैंकों पर सरकार कसेगी नकेल, अपने हाथों में प्रबंधन लेने की तैयारी

- फ़ोटो

PATNA : राज्य सरकार ने सूबे के 9 सहकारी बैंकों पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य के 9 सहकारी बैंकों पर सुपरसीड की तलवार लटकने लगी है। भारतीय रिजर्व बैंक में इन सभी बैंकों की वित्तीय स्थिति और कार्यशैली की समीक्षा कर सहकारिता विभाग से रिपोर्ट मांगी है। अब विभाग इन बैंकों की स्थिति की समीक्षा करने में जुट गया है। अगर इन सहकारी बैंकों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो इनको सुपरसीड किया जा सकता है। इसका मतलब यह हुआ कि इन 9 सहकारी बैंकों का प्रबंधन सरकार अपने हाथ में ले सकती है। 


सहकारिता विभाग के सचिव वंदना प्रेयसी ने बैंकों की स्थिति की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार 9 केंद्र जिला सहकारी बैंकों की रिपोर्ट पहले रिजर्व बैंक को भेज उन्हें सुपरसीड करने की अनुशंसा कर चुकी है। जिन बैंकों की स्थिति खराब है उनमें पटना, कटिहार, पूर्णिया, मुंगेर, मधुबनी, औरंगाबाद, सासाराम, पूर्वी चंपारण के साथ-साथ गया जिला सहकारी बैंक शामिल हैं। यह बैंक नाबार्ड और बोर्ड के निर्देश के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं लिहाजा इनका कैपिटल एसेट रिस्क रेशियो 9 से नीचे चला गया है। साथ ही एनपीए तय मानक 5% से ऊपर जा पहुंचा है। इन बैंकों का एनपीए 20 फ़ीसदी तक चला गया है। रिजर्व बैंक ने इन सहकारी बैंकों को स्थिति में सुधार का एक मौका दिया था। 


सहकारिता विभाग ने अब एक बार फिर से सभी सहकारी बैंकों की समीक्षा का काम शुरू कर दिया है। सहकारिता सचिव के निर्देश पर हर दिन मुख्यालय से इसकी मॉनिटरिंग हो रही है। गया सहकारी बैंक की स्थिति में थोड़ा बहुत सुधार हुआ है पर अन्य की स्थिति आज भी ठीक नहीं है। इनका सी आरएआर आज भी 9 से कम है। किसी बैंक की वित्तीय स्थिति के बारे में अगर आकलन करना हो तो उसका सीआरएआर तय होता है इसके साथ साथ शेयर कैपिटल और सुरक्षित पूंजी के साथ-साथ एनपीए जैसे तथ्यों की समीक्षा की जाती है। अगर इन बैंकों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो जल्द ही सबका प्रबंधन राज्य सरकार अपने हाथों में ले लेगी।