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निगरानी की रडार पर राजस्व विभाग के 8 अफसर, इन 5 सीओ और सर्किल इंस्पेक्टर पर गिर सकती है गाज

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 23 Jul 2023 10:36:32 AM IST

निगरानी की रडार पर राजस्व विभाग के 8 अफसर, इन 5 सीओ और सर्किल इंस्पेक्टर पर गिर सकती है गाज

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PATNA : बिहार के 8 अफसरों पर निगरानी विभाग का शिकंजा कसा है। निगरानी विभाग ने जमीन की हेराफेरी कर बनाई गई अकूत संपत्ति मामले में क्या एक्शन लिया है। इस मामले में पटना हाईकोर्ट का सबसे पहले आदेश दिया गया था। जिसके बाद यह एक्शन लिया गया है।


दरअसल, बिहार में राजस्व विभाग के पदाधिकारी जमीन के दस्तावेजों में हेराफेरी कर अवैध संपत्ति बना रहे हैं। ये लोग किसी की जमीन किसी और के नाम करने से पीछे नहीं हट रहे हैं। विभाग के आठ पदाधिकारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में निगरानी ब्यूरो ने शिकंजा कस दिया है। निगरानी विभाग ने  मामला दर्ज करने के बाद ब्यूरो ने अवैध संपत्तियों को खंगालना शुरू कर दिया है। इसमें 5 पदाधिकारी सीओ (अंचलाधिकारी) और 3 पदाधिकारी सीआई (अंचल निरीक्षक) रैंक के हैं।


बताया जा रहा है कि, इन आरोपी पदाधिकारियों के खिलाफ जांच पूरी होने पर अलग से एफआईआर दर्ज कर इनके ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई भी हो सकती है। हाजीपुर सदर अंचल कार्यालय में जमीन जमाबंदी गलत व्यक्ति के नाम पर करने, दूसरे की जमीन का रसीद किसी दूसरे के नाम पर काटने, जमीन के मूल रिकॉर्ड में छेड़छाड़ करने की शिकायतें बड़े स्तर पर सामने आई थी। 


इस तरह की शिकायत को लेकर हाजीपुर नगर थाना में 2022 में एफआईआर भी दर्ज की गई थी। इसके बाद यह मामला हाईकोर्ट तक में गया। इस मामले से जुड़े सभी तथ्यों और साक्ष्यों की सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने पूरे मामले की जांच निगरानी से कराने का आदेश पारित किया है। इसके मद्देनजर यह मामला निगरानी के पास ट्रांसफर हो गया है।


इधर, अब तक हुई जांच में यह बात सामने आई कि इन आठ पदाधिकारियों के कार्यकाल में जमीन की जमाबंदी समेत अन्य स्तर पर व्यापक धांधली बरती गई है। वर्तमान में इनमें कुछ पदाधिकारी डीसीएलआर के पद पर, तो कुछ अन्य स्थानों पर पदस्थापित हैं। एक ने गोपालगंज जिले के एक प्रखंड में प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी के पद पर पोस्टिंग करवा ली है। एक पटना स्थित एक महकमा में क्वालिटी कंट्रोल कार्यालय में सहायक रिसर्च पदाधिकारी के पद पर तैनात हैं। कुछ कर्मचारी भी इस पूरी धांधली में दोषी पाए गए हैं। इनमें दो को विभाग ने कुछ दिनों पहले निलंबित भी कर दिया है। जबकि एक सेवानिवृत्त भी हो गए हैं।