India Largest Airport: यहां मौजूद है भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट, दिल्ली और मुंबई के हवाई अड्डे भी इसके सामने हैं फेल Jacob Bethell: 136 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ने जा रहा इंग्लैंड का यह नौजवान क्रिकेटर, अचानक इस फैसले से हैरान हुए तमाम क्रिकेट फैंस Bihar News: 10 सूत्री मांगों को लेकर बिहार में कर्मचारियों की हड़ताल, कामकाज पूरी तरह ठप; सहकारिता मंत्री को सौंपा गया ज्ञापन Krishna Janmashtami 2025: आज है कृष्ण जन्माष्टमी, जानें... कैसे करें बाल गोपाल का श्रृंगार और प्रसाद अर्पित AMCA: 5वीं पीढ़ी का देसी फाइटर जेट जल्द भरेगा उड़ान, राफेल, Su-57 और F-35 को मिलेगी कड़ी टक्कर ऑस्ट्रेलिया को पहला विश्वकप जिताने वाले Bob Simpson का निधन, कई दिग्गज क्रिकेटर इन्हें मानते थे अपना गुरु Bihar Weather: बिहार के 15+ जिलों में आज बारिश की संभावना, मौसम विभाग का अलर्ट जारी Bihar News: एक्सरसाइज के दौरान सातवीं के छात्र को आया हार्ट अटैक, देखते ही देखते चली गई जान Bihar News: बिहार में डैम में डूबने से आठवीं के दो छात्रों की मौत, स्कूल से लौटने के दौरान हादसा Bihar News: बिहार में डैम में डूबने से आठवीं के दो छात्रों की मौत, स्कूल से लौटने के दौरान हादसा
1st Bihar Published by: Ranjan Kumar Updated Thu, 26 Dec 2019 06:48:55 PM IST
- फ़ोटो
ROHTAS: मुआवजे की मांग को लेकर बीजेपी के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र सिंह धान का बोझा लेकर प्रखंड कार्यालय पहुंचे और किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रुपए मुआवजा देने की मांग की. यह मांग ऐसे समय में कर रहे है जब बिहार में उनकी ही सरकार हैं और कृषि मंत्री प्रेम कुमार भी उनके ही पार्टी के हैं.
बारिश से फसल बर्बाद
राजेंद्र सिंह आज दिनारा में अपने सिर पर धान का बोझा उठाकर प्रखंड कार्यालय पहुंच गए. सरकार से मांग किया है कि बेमौसम बरसात के कारण किसानों का धान बर्बाद हो गया है. इसीलिए कम से कम प्रति एकड़ 10 हज़ार मुआवजा दिया जाए. साथ ही एक साल तक किसानों के किसी भी ऋण वसूली नहीं किया जाए. वहीं सरकार खराब हो चुके धान को भी उचित कीमत पर खरीद ले, ताकि किसान को राहत हो सके.
किसानों को राहत की जरूरत
भाजपा नेता राजेंद्र सिंह ने बताया कि यह कोई धरना प्रदर्शन नहीं है. वे किसानों की समस्या को लेकर दिनारा प्रखंड कार्यालय पहुंचे हैं तथा अधिकारियों को किसानों की समस्या से अवगत कराने आए हैं. उन्होंने कहा कि आज खेत में ही धान बर्बाद हो गया है, तथा जो गेहूं की बुआई की गई थी. वह भी गेहूं खेत में ही सड़ने लगा है. किसानों का खाद-बीज सब बर्बाद हो गया है. ऐसे में किसानों को राहत की आवश्यकता है.