राहुल गांधी दे रहे पप्पू यादव का साथ ! पूर्णिया में नहीं करेंगे चुनावी जनसभा, किशनगंज में होगी राहुल की पहली चुनावी रैली

राहुल गांधी दे रहे पप्पू यादव का साथ ! पूर्णिया में नहीं करेंगे चुनावी जनसभा, किशनगंज में होगी राहुल की पहली चुनावी रैली

PATNA : कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिहार में लोकसभा चुनाव प्रचार की शुरुआत 19 अप्रैल को किशनगंज लोकसभा क्षेत्र से करेंगे। इस दिन राज्य की चार लोकसभा सीटों पर पहले चरण का मतदान चल रहा होगा और दूसरी तरफ राहुल गांधी चुनावी जनसभा को संबोधित करके अपने पक्ष में वोट की अपील करेंगे। लेकिन, देखने वाली बात यह है कि राहुल गांधी दूसरे चरण की पांच सीटों में शामिल किशनगंज तो जाएंगे लेकिन पूर्णिया नहीं जाएंगे। यहां अपनी जाप का कांग्रेस में विलय करने के बाद भी पप्पू यादव निर्दलीय ही चुनाव मैदान में हैं। 


दरअसल, राजद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लालू और तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने कांग्रेस से राहुल की सभा पूर्णिया में मांगी थी। जिससे आरजेडी की कैंडिडेट बीमा भारती की मदद हो सके। लेकिन, पप्पू यादव लगातार राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का नाम लेते रहे हैं और कहते रहे हैं कि कांग्रेसी उनके साथ है। ऐसे में राहुल गांधी इस सीट पर चुनाव प्रचार करना नहीं चाहते हैं। लिहाजा, उन्होंने यह निर्णय लिया है कि कांग्रेस पार्टी की किशनगंज में ही चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे। 


मालूम हो कि, दूसरे चरण के लोकसभा चुनाव में बिहार की पांच सीटों पर आगामी 26 अप्रैल को मतदान होन है। किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर और बांका में तीन सीट कांग्रेस जबकि दो सीट पर आरजेडी लड़ रही है। किशनगंज सीट से कांग्रेस ने मौजूदा सांसद मोहम्मद जावेद को दोबारा चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस वर्ष 2009 से लगातार यह सीट जीत रही है। कटिहार में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता तारिक अनवर चुनाव लड़ रहे हैं। भागलपुर में लगातार तीन बार विधायक का चुनाव जीत चुके अजीत शर्मा कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।


उधर, राजद ने बीमा भारती को जेडीयू से बुलाकर पूर्णिया से टिकट दिया है। बांका में लालू यादव के पुराने करीबी जयप्रकाश नारायण यादव फिर से आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरे चरण की पांच सीटों में बाकी चार सीटों पर आरजेडी या कांग्रेस के बीच कोई कलह नहीं है। कटिहार में आरजेडी के नेता अशफाक करीम लड़ना चाहते थे लेकिन लालू ने उन्हें चुनाव लड़ने से रोक लिया। इसके साथ ही महागठबंधन में पूर्णिया का मसला नहीं सुलझ सका है और यही वजह है कि राहुल गांधी यहां अपना चुनाव प्रचार नहीं करना चाहते हैं।