BIHAR: बंद बोरे में शव मिलने की अफवाह का वैशाली पुलिस ने किया खुलासा, बोरे से निकला दर्जनों मरा हुआ चूहा BIHAR: कंपाउंडर के बेटे ने नीट में 390 रैंक हासिल कर पिता का सपना किया साकार, पहले प्रयास में मिली सफलता बिहार वैश्य महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद कुमार बने धार्मिक न्यास पर्षद के सदस्य, वैश्य समाज के लोगों ने दी बधाई ROHTAS: जेल से छूटकर आने के बाद भाई के जख्म का लिया बदला, चलती बस में आरोपी को मारा चाकू ARRAH: समाजसेवी अजय सिंह ने बखोरापुर में मनाया जन्मदिन, खिलाड़ियों और छात्रों को किया सम्मानित डोमिसाइल नीति पर तेजस्वी यादव और आरजेडी की दोहरी सोच बेनकाब: ऋतुराज सिन्हा भाजपा को चाहिए सिर्फ आपका वोट, सीवान में बोले मुकेश सहनी..आपकी तकलीफों से बीजेपी कोई लेना-देना नहीं How to Become Pilot: 12वीं के बाद पायलट बनने का सपना करें पूरा, जानें... कौन सा कोर्स है जरूरी Bihar News: 19 जून को इस जिले में लगेगा रोजगार कैंप, 8वीं पास से लेकर ITI वालों तक के लिए नौकरी Bihar News: शराब मामले में गिरफ्तार महादलित युवक की जेल में मौत, परिजनों का हंगामा
1st Bihar Published by: Updated Fri, 20 Nov 2020 01:49:57 PM IST
- फ़ोटो
DESK : सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय सहारा से जुड़ी इस वक्त की ताजा खबर सामने आ रही है, पेरोल पर जेल से बाहर आए सुब्रत राय को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी ने सहाराश्री को जेल से बाहर रखने के लिए 62600 करोड रुपए चुकाने को कहा है. सेबी का कहना है कि अगर यह रकम नहीं चुकाई जाती है तो उनका पेरोल रद्द कर दिया जाना चाहिए.
सेबी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में यह मांग रखी गई है नियामक संस्था सेबी के मुताबिक के सहारा इंडिया परिवार ग्रुप के दो कंपनियों और ग्रुप के प्रमुख सुब्रत राय की बकाया देनदारी 62600 करोड रुपए हैं. इसमें ब्याज भी शामिल है. सुब्रत राय की देनदारी 25700 करोड़ से ऊपर की हो गई है और इन्हें 8 साल पहले यह रकम चुकाने का आदेश दिया गया था.
हालांकि सेबी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जो बातें कही गई हैं उसे सहारा ग्रुप ने सिरे से खारिज किया है. सहारा की तरफ से बयान जारी करते हुए कहा गया है कि सेबी की मांग बिल्कुल ही निराधार है. सहारा ग्रुप ने दावा किया है कि सेबी ने गलत तरीके से 13 फ़ीसदी ब्याज जोड़े हैं जो दोगुने पेमेंट का केस है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में यह फैसला दिया था कि सहारा ग्रुप की कंपनियों ने सुरक्षा कानूनों का उल्लंघन किया है और अवैध रूप से 3.5 बिलीयन डॉलर कमाए हैं.