DESK : सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय सहारा से जुड़ी इस वक्त की ताजा खबर सामने आ रही है, पेरोल पर जेल से बाहर आए सुब्रत राय को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी ने सहाराश्री को जेल से बाहर रखने के लिए 62600 करोड रुपए चुकाने को कहा है. सेबी का कहना है कि अगर यह रकम नहीं चुकाई जाती है तो उनका पेरोल रद्द कर दिया जाना चाहिए.
सेबी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में यह मांग रखी गई है नियामक संस्था सेबी के मुताबिक के सहारा इंडिया परिवार ग्रुप के दो कंपनियों और ग्रुप के प्रमुख सुब्रत राय की बकाया देनदारी 62600 करोड रुपए हैं. इसमें ब्याज भी शामिल है. सुब्रत राय की देनदारी 25700 करोड़ से ऊपर की हो गई है और इन्हें 8 साल पहले यह रकम चुकाने का आदेश दिया गया था.
हालांकि सेबी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जो बातें कही गई हैं उसे सहारा ग्रुप ने सिरे से खारिज किया है. सहारा की तरफ से बयान जारी करते हुए कहा गया है कि सेबी की मांग बिल्कुल ही निराधार है. सहारा ग्रुप ने दावा किया है कि सेबी ने गलत तरीके से 13 फ़ीसदी ब्याज जोड़े हैं जो दोगुने पेमेंट का केस है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में यह फैसला दिया था कि सहारा ग्रुप की कंपनियों ने सुरक्षा कानूनों का उल्लंघन किया है और अवैध रूप से 3.5 बिलीयन डॉलर कमाए हैं.