PATNA : देश के अंदर कल से रौशनी का पर्व दिवाली की शुरुआत हो रही है। इसके ठीक बाद पूर्वांचल के इलाकों में लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की शुरआत हो जाती है। इसकी असली रौनक बिहार में देखने को मिलता है। इसी कड़ी में अब बिहार की राजधानी पटना में छठ पूजा को लेकर ख़ास तैयारी की गई है। आइए जानते हैं कि इस बार छठ पूजा को लेकर राजधानी में ख़ास तैयारी क्या कुछ किया गया है।
दरअसल, बिहार के महापर्व छठ के लिए पटना जू समेत शहर के 28 पार्कों में श्रद्धालु अर्घ्य दे सकेंगे। पार्क प्रशासन और जू प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। झील की साफ-सफाई शुरू है। ब्लीचिंग, चूना डाला जा रहा है। बैरिकेडिंग के अंदर तीन से चार फीट पानी की गहराई होगी, जिसमें श्रद्धालु सुरक्षित रूप से अर्घ्य दे सकेंगे। इस दौरान बैरिकेडिंग के बाहर जाना प्रतिबंधित होगा। सभी घाटों पर सुरक्षा और अन्य प्रबंध किए जा रहे हैं।
वहीं, छठ पूजा को देखते हुए झील के किनारे समेत पूरे जू में लाइटिंग की सुविधा होगी। झील के ऊपर व्रतियों के लिए चेजिंग रूम बनाए जाएंगे। शौचालय और पानी की सुविधा रहेगी। जू में 15 से 20 हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं। शहर के पार्कों के तालाब में स्थानीय लोग काफी संख्या में अर्घ्य देने पहुंचते हैं। उसको लेकर तालाब की साफ-सफाई शुरू हो चुकी है। कुछ ही पार्कों के तालाब खराब थे। इसकी सफाई की जा रही है। एक से दो दिनों में यह तालाब पूरी तरह तैयार हो जाएंगे। खरना के दिन तक अर्घ्य के लिए पूरी तैयारी हो जाएगी। पार्कों में श्रद्धालु प्रकृति की खूबसूरत माहौल के बीच त्योहार मना सकेंगे।
पटना के जिन पार्कों में अर्घ्य देने की व्यवस्था हो रही है, उनमें पटना का- पुनाईचाक पार्क, शिवाजी पार्क रेंटल फ्लैट पार्क 34, राम सुंदर दास पार्क, शहीद किशोर कुणाल पार्क, के सेक्टर पार्क, जनता फ्लैट पार्क, जी 22 पार्क, डॉक्टर कॉलोनी जी 9 पार्क, डिफेंस कॉलोनी पार्क, बी हाउस पार्क, एमआइजी पार्क बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी पार्क, वीकर सेक्शन पार्क, मुन्ना पाठक जे सेक्टर पार्क, ग्रीन पार्क भवर पोखर पार्क, राजेंद्र नगर पार्क, श्री कृष्णा नगर पार्क, सीआईडी कॉलोनी पार्क, बैंक ऑफ इंडिया पार्क, पुलिस कॉलोनी पार्क, पुलिस कॉलोनी सेक्टर डी पार्क, शिवपुरी पार्क, मैकडॉवेल गोलंबर पार्क, एजी कॉलोनी पार्क और पेंशनर भवन पार्क शामिल हैं।
इधर, दीघा पाटीपुल घाट का ढलान कच्चा है। गंगा पथ से घाट तक आने के लिए तेज ढलान से गुजरना होगा। कच्चा ढलान है यहां संभलकर उतरना होगा। बालू और मिट्टी के मिश्रण के कारण अभी फिसलन है। दीघा पाटीपुल घाट ढलान वाले एप्रोच पथ को बेहतर करना होगा। वहीं घाट पर दीघा पाटीपुल और मीनार घाट पर नदी में बैरिकेडिंग कर दिया गया है। खतरनाक स्थल को लाल कपड़ा से घेर दिया गया है। पीले कपड़े से बांस बल्ले को ढका गया है। गंगा अधिक गहराई वाले स्थल पर सैंड बैग पहले से तैयार किया गया है। दीघा पाटीपुल घाट को तैयार करने और उसके सौन्दर्यीकरण करने पर 24 लाख 92 हजार 800 रुपये खर्च होंगे।